मैंने वाशिंगटन सुंदर से प्रेरणा ली: साईं सुदर्शन

मैंने वाशिंगटन सुंदर से प्रेरणा ली: साईं सुदर्शन

मैंने वाशिंगटन सुंदर से प्रेरणा ली: साईं सुदर्शन
Modified Date: June 16, 2025 / 02:26 pm IST
Published Date: June 16, 2025 2:26 pm IST

बेकेनहैम (ब्रिटेन), 16 जून (भाषा) वाशिंगटन सुंदर का बहुत कम समय में आयु वर्ग से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक का शानदार सफर उनके युवा साथी बी साई सुदर्शन के लिए प्रेरणास्रोत रहा है। सुदर्शन 20 जून को लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण कर सकते हैं।

वाशिंगटन 2016 में जूनियर विश्व कप में भारत अंडर-19 के लिए विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में खेल रहे थे और इसके डेढ़ साल के अंदर उन्होंने 18 वर्ष के खिलाड़ी के रूप में भारत के लिए अपना पहला वनडे खेला। जब वह 20 वर्ष के थे तब 2021 में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया तथा आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की जीत में अहम भूमिका निभाई।

वाशिंगटन से दो साल जूनियर साईं सुदर्शन ने बताया कि किस तरह से उनके इस सीनियर साथी के सफर ने उन्हें भारतीय टीम में शामिल होने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

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साई सुदर्शन ने इंट्रा-स्क्वाड (टीम के बीच आपस में मैच) अभ्यास मैच के दौरान बीसीसीआई टीवी से कहा, ‘‘मैंने उनके साथ (जूनियर स्तर पर) कुछ मैच खेले हैं। इसलिए, यह हमेशा विशेष होता है। हम उनसे काफी प्रेरणा लेते हैं और जिस तरह से उन्होंने बहुत कम समय में भारत की तरफ से खेलना शुरू किया वह बात मेरे दिमाग में थी।’’

बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने वाशिंगटन की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘उन्होंने (वाशिंगटन) आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया। फिर वह देश के लिए खेले। इसलिए यह मेरे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा थी कि चेन्नई का कोई खिलाड़ी भारत के लिए खेल रहा है। उन्हे जानने और उनके साथ खेलने से मुझे लगा कि मैं भी उसी तरह से खेलना चाहता हूं। वह एक प्रेरणा था।’’

भारत के लिए नौ टेस्ट, 23 एकदिवसीय और 54 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके वाशिंगटन ने उस समय के बारे में बात की जब साई सुदर्शन चेन्नई के एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर के रूप में उभर रहे थे।

वाशिंगटन ने कहा, ‘‘मेरे कई कोच और मित्र भी लगातार उसके (साई सुदर्शन के) क्रिकेट करियर के बारे में बात करते थे। वह अपने खेल में लगातार निखार लाता रहा और आगे बढ़ता रहा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब भी मैंने उसे (सुदर्शन को) टीवी पर देखा, तो उसके कौशल और कार्यशैली से बहुत कुछ सीखने को मिला, जिसने निश्चित रूप से बहुत से युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया।’’

भाषा

पंत

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