अगर लोग बेतुकी बातें करेंगे तो मैं उन्हें जवाब नहीं दूंगा, कप्तानी छोड़ने पर कोहली |

अगर लोग बेतुकी बातें करेंगे तो मैं उन्हें जवाब नहीं दूंगा, कप्तानी छोड़ने पर कोहली

अगर लोग बेतुकी बातें करेंगे तो मैं उन्हें जवाब नहीं दूंगा, कप्तानी छोड़ने पर कोहली

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : October 23, 2021/4:54 pm IST

दुबई, 23 अक्टूबर (भाषा) भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मौजूदा टी20 विश्व कप के बाद खेल के सबसे छोटे प्रारूप में राष्ट्रीय टीम की कप्तानी छोड़ने के अपने फैसले को लेकर किसी बहस में पड़ने से इनकार करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर विवाद चाहने वालों को कोई ‘मसाला’ नहीं देंगे।

कोहली ने पिछले महीने अपने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि वह यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) में होने वाले इस टूर्नामेंट के बाद कप्तानी छोड़ देंगे तो इसकी खूब चर्चा हुई।

कोहली के इस फैसले पर कई तरह के विवाद हुये लेकिन कप्तान ने कहा कि वह बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहते है।

कोहली ने टी20 विश्व कप में चिर-प्रतिद्वंद्वी  पाकिस्तान के खिलाफ मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘ मैंने पहले ही काफी कुछ बोल दिया है और मुझे नहीं लगता कि इस मुद्दे पर कुछ और बोलने की जरूरत है।’’

इस सवाल पर चिढ़ते हुए कोहली ने कहा, ‘‘ हमारा ध्यान इस विश्व कप में अच्छा खेलने पर है और एक टीम के रूप में हमें जो करने की जरूरत है वह करना है। बाकी लोग उन चीजों को ‘खोदने’ की कोशिश कर रहे हैं जो मौजूद नहीं हैं और मैं कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो ऐसे किसी को ‘मसाला’ दूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने बहुत ईमानदारी से और खुले तौर पर चीजों को समझा दिया है। अगर लोगों को लग रहा है कि इसके अलावा और भी कुछ है जो मैंने पहले नहीं बताया है तो मुझे उनके लिए बहुत बुरा लगता है। निश्चित रूप से ऐसा नहीं है।’’

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने आजतक से बातचीत में कहा कि कोहली पर कप्तानी छोड़ने का कोई दबाव नहीं था और यह उनका अपना फैसला था।

गांगुली ने कहा, ‘‘ मैं हैरान था (कि विराट कोहली ने टी20 कप्तान के रूप में पद छोड़ने का फैसला किया)। यह फैसला इंग्लैंड दौरे के बाद ही लिया गया होगा और यह उनका फैसला है। हमारी तरफ से कोई दबाव नहीं था। हमने उनसे कुछ नहीं कहा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस तरह की चीजें नहीं करते क्योंकि मैं खुद एक खिलाड़ी रहा हूं इसलिए मैं समझता हूं। इतने लंबे समय तक सभी प्रारूपों में कप्तान बने रहना बहुत मुश्किल है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं छह साल तक कप्तान रहा, यह बाहर से अच्छा दिखता है, सम्मान की तरह है। लेकिन आप अंदर से परेशान रहते हैं और यह किसी भी कप्तान के साथ होता है। यह सिर्फ तेंदुलकर या गांगुली या धोनी या कोहली के साथ नहीं हुआ है बल्कि जो भी कप्तान होगा उसके साथ ऐसा ही होगा। यह एक कठिन काम है।’’

भाषा आनन्द नमिता

नमिता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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