घरेलू क्रिकेट में दमखम और टीम प्रबंधन की प्राथमिकताओं में बदलाव से किशन की भारतीय टीम वापसी

घरेलू क्रिकेट में दमखम और टीम प्रबंधन की प्राथमिकताओं में बदलाव से किशन की भारतीय टीम वापसी

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  • Publish Date - December 20, 2025 / 07:43 PM IST,
    Updated On - December 20, 2025 / 07:43 PM IST

…देवार्चित वर्मा…  

(तस्वीरों के साथ)

मुंबई, 20 दिसंबर (भाषा) भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन ने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए ब्रेक लिया था जिसके चलते उन्हें भारतीय टीम से अपनी जगह गंवानी पड़ी थी और इसके बार भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें अपने केंद्रीय अनुबंध से भी बाहर कर दिया।

भारत की एकदिवसीय विश्व कप टीम का हिस्सा रहे किशन ने 2023 के आखिर में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर मानसिक थकान का हवाला देते हुए ब्रेक लेने का फैसला किया था। इसके बाद वह रणजी ट्रॉफी (2023-24) में भी नहीं खेले। इसके चलते किशन को श्रेयस अय्यर के साथ बीसीसीआई की केंद्रीय अनुबंध सूची से बाहर कर दिया गया। इस फैसले के बाद यह बहस तेज हो गई कि क्या कुछ शीर्ष भारतीय खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट की बजाय आईपीएल को प्राथमिकता दे रहे हैं।

इस कदम को बोर्ड द्वारा अन्य खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देने का संदेश देने के तौर पर भी देखा गया लेकिन किशन और अय्यर के मामले में इसे काफी सख्त फैसला माना गया।

दोनों खिलाड़ियों ने 2024-25 सत्र से टीम में वापसी करनी शुरू कर दी थी। अय्यर को राष्ट्रीय टीम में वापसी करने में ज्यादा समय नहीं लगा लेकिन किशन को वापसी के लिए घरेलू क्रिकेट की कड़ी मेहनत से गुजरना पड़ा।

इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने घरेलू क्रिकेट की कठिन राह तय करने के अलावा काउंटी चैंपियनशिप (इंग्लैंड में प्रथम श्रेणी मैच) में भी खुद को साबित किया। सनराइजर्स हैदराबाद के लिए अपने पहले आईपीएल मैच में ही उन्होंने शतक जड़ खुद को साबित किया और फिर कमाल की बल्लेबाजी करते हुए झारखंड को सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी का पहला खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई।

किशन ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर अगले साल होने वाले पुरुष टी20 विश्व कप के लिए राष्ट्रीय टीम में वापसी का मजबूत दावा पेश कर दिया था लेकिन उनकी वापसी भारतीय टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं की प्राथमिकताओं में आए बदलाव के साथ भी जुड़ी हुई है।

शुभमन गिल को कुछ समय पहले ही टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम में उपकप्तान बनाकर वापस लाया गया था और इसे कप्तान सूर्यकुमार यादव के लिए एक तरह की चेतावनी के तौर पर देखा गया।

छोटे प्रारूप की तेजी से बदलते क्रिकेट में भारतीय टीम ने गिल और अभिषेक शर्मा की सलामी जोड़ी को तोड़ने के साथ पारी का आगाज करने के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज को तरजीह देने का रुख अपनाया।

किशन ने सैयद मुश्ताक टी20 ट्रॉफी में 517 रन बनाये जिसमें फाइनल में हरियाणा के खिलाफ खेली गयी शतकीय पारी भी शामिल है। इस दमदार प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम में उनकी वापसी दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर हुई है।

अगरकर ने किशन के चयन पर कहा, ‘‘वह सीमित ओवर के क्रिकेट में शीर्ष क्रम पर बल्लेबाजी करते हैं। वह अच्छी फॉर्म में हैं। वह पहले भी भारत के लिए खेल चुके हैं। उनके नाम एक दिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक है। वह भारतीय टीम में इसलिए नहीं था क्योंकि उनसे पहले से ऋषभ पंत और ध्रुव जुरेल थे। वे दोनों काफी अच्छे खिलाड़ी हैं। ऐसे में इसका किसी और बात से कोई लेना-देना नहीं है। ’’

भारत के इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘ किशन शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करता है, संजू भी शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करता है और हम इस तरह का ही संयोजन देख रहे थे। अभिषेक शर्मा भी टीम में है ऐसे में अब एक सटीक विकल्प को चाहते हैं। टूर्नामेंट में अगर कोई चोटिल होता है या फॉर्म में नहीं रहता है तो हमारे पास एक अच्छा विकल्प होगा।’’

अगरकर की बातों से सहमति जताते हुए कप्तान सूर्यकुमार यादव ने भी कहा कि टीम ने अपने पुराने नजरिए से हटकर आगे बढ़ने का फैसला किया है और संजू सैमसन व इशान किशन जैसे आक्रामक विकेटकीपर-बल्लेबाजों में से किसी एक के साथ आगे बढ़ना ही सही रास्ता है।

भारत टी20 विश्व कप से पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की अपनी आखिरी श्रृंखला के शुरुआती चरण में चुने गए खिलाड़ियों पर भरोसा बनाए रखेगा। विकेटकीपर-बल्लेबाज के विकल्पों में किशन दूसरे नंबर पर रहेंगे लेकिन मौका मिला तो वह उसे दोनों हाथों से भुनाने के लिए पूरी तरह तैयार होंगे।

भाषा

आनन्द नमिता

नमिता