नीरज चोपड़ा क्लासिक : दो बार के ओलंपिक पदक विजेता को भारत में भाला फेंक क्रांति की उम्मीद
नीरज चोपड़ा क्लासिक : दो बार के ओलंपिक पदक विजेता को भारत में भाला फेंक क्रांति की उम्मीद
बेंगलुरु, चार जुलाई (भाषा) तीन ओलंपिक भाला फेंक पदक विजेताओं नीरज चोपड़ा, थॉमस रोहलर और जूलियस येगो के साथ बैठे हुए सचिन यादव काफी उत्साहित दिख रहे थे लेकिन चमचमाते मंच पर देश के स्टार की मौजूदगी ही काफी अहमियत रखती है।
यह चोपड़ा के उस ख्वाब की ताबीर है जिसमें वह भाला फेंक को पूरे देश में हर घर तक पहुंचाना चाहते हैं।
इस लिहाज से शनिवार को होने वाली नीरज चोपड़ा क्लासिक भारत में मोंडो क्लासिक के बराबर हो सकती है जो विश्व रिकॉर्डधारी और ओलंपिक चैंपियन अर्मांडो डुप्लांटिस द्वारा स्वीडन में अपने गृहनगर उप्साला में होने वाला पोल वॉल्ट टूर्नामेंट है।
डुप्लांटिस अपने ही विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने की इच्छा से प्रेरित रहते हैं और अभी तक 15 दफा ऐसा कर चुके हैं। लेकिन चोपड़ा की महत्वकांक्षा इससे बड़ी है।
चोपड़ा भारतीय भाला फेंक खिलाड़ियों की अगली पीढी को प्रेरित करने के अपने विचार पर बात करते हुए भावुक हो गए और उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले मैं जूलियस, थॉमस और भारत के सभी लोगों को दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं। सभी मेरे अच्छे दोस्त हैं और यहां आने के लिए आपका शुक्रिया। आखिरकार हम इतने महान भाला फेंक खिलाड़ियों के साथ यहां बैठे हैं। मैं बहुत खुश हूं कि भारत में इस तरह की प्रतियोगिता आयोजित हो रही है।’’
उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मेजबान देश का प्रतिनिधित्व भी अच्छा रहे जिससे उनके और एशियाई चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता सचिन के अलावा रोहित यादव, साहिल सिल्वाल और यशवीर सिंह इसमें खेलेंगे।
ये सभी युवा भारतीय भाला फेंक एथलीट जर्मनी के 2016 ओलंपिक पदक विजेता रोहलर से आंतरिक रूप से जुड़े हुए हैं क्योंकि उन्होंने उनके लोकप्रिय यूट्यूब चैनल से काफी गुर सीखे हैं।
रोहलर ने कहा कि उभरती हुई प्रतिभाओं से अपने अनुभव और जानकारी साझा करना उनका कर्तव्य है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा ही जानकारी साझा करना पसंद करता हूं क्योंकि तभी मैं खेल में छाप छोड़ सकता हूं। मेरे लिए दूरी, पदक और ये सभी चीजें बस कागज पर लिखे नंबर हैं। मैं खेल में छाप छोड़ सकता हूं। इसलिये मुझे प्रतिभाओं से बात करने में हिचक नहीं होती। मैं खुश हूं कि मैं इनमें से कईयों के लिए प्रेरणास्रोत बन सकता हूं। ’’
चोपड़ा को अपने प्रयासों की बदौलत सहयोग मिलना भी शुरू हो गया है और काफी प्रायोजक इन टूर्नामेंट का प्रायोजन करने के इच्छुक हैं।
नीरज चोपड़ा क्लासिक को जेएसडब्ल्यू और बीपीसीएल का समर्थन मिला है। चोपड़ा ने कहा, ‘‘हां, प्रायोजक बढ़ रहे हैं। मुझे लगता है कि जेएसडब्ल्यू, रिलायंस और अन्य निजी कंपनिया अब व्यक्तिगत खिलाड़ियों का समर्थन कर रही हैं जो पहले नहीं हो रहा था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों को विदेश में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिल रहा है। सरकार की नीति से भी खिलाड़ियों को अच्छी मदद मिल रही है। ’’
भाषा नमिता मोना
मोना

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