पैरा निशानेबाजी विश्वकप के दौरान खराब ‘फलैश टारगेट’ के इस्तेमाल से भारत की हुई किरकिरी |

पैरा निशानेबाजी विश्वकप के दौरान खराब ‘फलैश टारगेट’ के इस्तेमाल से भारत की हुई किरकिरी

पैरा निशानेबाजी विश्वकप के दौरान खराब ‘फलैश टारगेट’ के इस्तेमाल से भारत की हुई किरकिरी

:   Modified Date:  March 14, 2024 / 09:12 PM IST, Published Date : March 14, 2024/9:12 pm IST

नयी दिल्ली, 14 मार्च (भाषा) भारत को अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी समुदाय के सामने उस समय बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब प्रतिष्ठित डब्ल्यूएसपीएस पैरा विश्व कप ट्रैप स्पर्धाओं के फाइनल में ‘फ्लैश टारगेट’ को प्रतियोगिता के लिए उपयुक्त नहीं होने के कारण जूरी ने खारिज कर दिया।

डब्ल्यूएसपीएस पैरा निशानेबाजी विश्व कप भारत में होने वाला अपनी तरह का पहला आयोजन है । इस प्रतियोगिता से निशानेबाजों को पेरिस पैरालंपिक के लिए 20 कोटा मिलने का प्रावधान है।

कर्णी सिंह निशानेबाजी परिसर में गुरुवार को संपन्न हुए इस आयोजन में 50 देशों के 250 से अधिक निशानेबाजों ने भाग लिया।

शॉटगन स्पर्धाओं के फाइनल में हालांकि ‘फ्लैश टारगेट’ अनिवार्य नहीं हैं लेकिन उनका उपयोग ओलंपिक, आईएसएसएफ विश्व कप, विश्व चैंपियनशिप, महाद्वीपीय चैंपियनशिप और यहां तक कि भारत की राष्ट्रीय चैंपियनशिप और ट्रायल में भी किया जाता रहा है। इससे जूरी को निर्णय करने में आसानी होती है।

‘फ्लैश टारगेट’ पर कारतूस लगने के बाद उससे गुलाबी रंग की पाउडर जैसी चीज हवा में उड़ती है। इससे जूरी के लिए फैसला करना आसान हो जाता है।

कर्णी सिंह रेंज के एक रेंज अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि निर्णायक मंडल गुस्से में थे और उन्होंने सभी ‘ फ्लैश टारगेट’ फेंकने वाली मशीनों को तुरंत खाली करने और सामान्य मिट्टी के टारगेट को इस्तेमाल करने का निर्देश दिया।’’

रेंज अधिकारी ने कहा, ‘‘ वहां कुल 25-30 रेंज अधिकारी थे और जो भी लोग ट्रैप निशानेबाजी के बारे में कुछ जानते थे वे तुरंत हरकत में आए और हमने 10 मिनट में काम पूरा कर लिया। प्रतियोगिता समय पर शुरू हुई।’’

एक अन्य सूत्र ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जूरी ‘गुस्से’ में थी लेकिन भारत पहली बार पैरा विश्व कप की मेजबानी कर रहा था, इसलिए उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं की।’’

भाषा आनन्द पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)