गांववालों ने ‘गरबा’ खेलकर मनाया भाविनबेन के एतहासिक रजत पदक का जश्न |

गांववालों ने ‘गरबा’ खेलकर मनाया भाविनबेन के एतहासिक रजत पदक का जश्न

गांववालों ने ‘गरबा’ खेलकर मनाया भाविनबेन के एतहासिक रजत पदक का जश्न

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : August 29, 2021/11:38 am IST

मेहसाणा, 29 अगस्त (भाषा) पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल के रविवार को तोक्यो में पैरालंपिक खेलों की महिला एकल क्लास 4 स्पर्धा के फाइनल में एतिहासिक रजत पदक जीतने के बाद गुजरात के मेहसाणा जिले के उनके पैत्रिक गांव सुंधिया में परिवार के सदस्यों और मित्रों ने पारंपरिक ‘गरबा’ नृत्य, पटाखे जलाकर और एक दूसरे पर गुलाल लगाकर जश्न मनाया।

भाविनाबेन को फाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की झाउ यिंग के खिलाफ 0-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा लेकिन वह पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनने में सफल रहीं।

चौंतीस साल की भाविनाबेन को पैरालंपिक की दो बार की स्वर्ण पदक विजेता झाउ के खिलाफ 19 मिनट में 7-11 5-11 6-11 से हार का सामना करना पड़ा।

भाविनाबेन के पिता हसमुख पटेल ने उसकी जीत के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह भले ही दिव्यांग हो लेकिन हमने उसे कभी इस तरह नहीं देखा। हमारे लिए वह ‘दिव्य’ है। हमें बेहद खुशी है कि उसने देश के लिए रजत पदक जीता।’’

हसमुख गांव में किराने की छोटी दुकान चलाते हैं। भाविनाबेन के पैत्रिक गांव में तोक्यो से उनके मैच का सीधा प्रसारण देखने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी। सुबह से ही लोग मैच देखने के लिए एकत्रित हो गए थे।

भाविनाबेन को भले ही अपने पहले पैरालंपिक के फाइनल के हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन इसके बावजूद लोगों ने जमकर जश्न मनाया। मुकाबला खत्म होने के साथ ही लोगों ने नाचना, पटाखे जलाना और एक दूसरे पर गुलाल फेंकना शुरू कर दिया।

उनके एक रिश्तेदार ने कहा, ‘‘जैसा कि आप देख सकते हैं भाविना के रजत पदक जीतने के बाद से हम सुबह से ही गरबा खेल रहे हैं। हम उसके भव्य स्वागत की पूरी तैयारी कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भाविनाबेन की उपलब्धि पर उन्हें बेहद खुशी है और वे उसकी जीत पर गौरवांवित महसूस कर रहे हैं।

भाषा सुधीर

सुधीर

 

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