जहां 38 साल के खिलाड़ी बाहर निकलने से कतराते हैं, वहीं कोहली मैदान पर अपना जलवा दिखाता है: स्टेन

जहां 38 साल के खिलाड़ी बाहर निकलने से कतराते हैं, वहीं कोहली मैदान पर अपना जलवा दिखाता है: स्टेन

जहां 38 साल के खिलाड़ी बाहर निकलने से कतराते हैं, वहीं कोहली मैदान पर अपना जलवा दिखाता है: स्टेन
Modified Date: December 1, 2025 / 11:54 am IST
Published Date: December 1, 2025 11:54 am IST

रांची, एक दिसंबर (भाषा) दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन का मानना ​​है कि जहां 38 साल के अधिकतर खिलाड़ी घर से बाहर निकलने में कतराते हैं वहीं विराट कोहली की खेल के प्रति प्रतिबद्धता बेजोड़ है।

कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में यहां अपने करियर का 52वां शतक लगाया। टी20 और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले कोहली ने दिखाया कि वनडे क्रिकेट में अब भी उनका कोई सानी नहीं है।

स्टेन ने जियोस्टार से कहा, ‘‘जब आप 37 या 38 साल के अधिकतर खिलाड़ियों से बात करते हैं तो वे कहते हैं कि उन्हें घर, अपने कुत्ते, अपने बच्चों को छोड़ना पसंद नहीं है। लेकिन कोहली मानसिक रूप से ऐसी स्थिति में हैं जहां वह पहले की तरह भारत के लिए खेलने के लिए उत्सुक हैं। आप इसे विकेटों के बीच दौड़, फ़ील्डिंग करते और डाइव लगाते हुए देख सकते हैं। वह मानसिक रूप से युवा और तरोताज़ा हैं और क्रिकेट में बने रहना चाहते हैं।’’

 ⁠

उन्होंने कहा,‘‘ कोहली ने पिछले 15 16 साल में 300 से अधिक वनडे खेले हैं इसलिए वह काफी अनुभव रखते हैं। यह उनके शरीर और दिमाग में है। अगर वह तीन दिन की बारिश के बाद भी यहां पहुचते तो भी उनकी तैयारी पर कोई असर नहीं पड़ता। वह मानसिक रूप से मज़बूत हैं, अच्छी तरह से सोच सकते हैं और गेंद को बल्ले पर आते हुए देख सकते हैं। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी यही करते हैं।’’

स्टेन ने कहा, ‘‘वह स्वयं पर भरोसा रखते हैं क्योंकि वह पिछले लंबे समय से खेल रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह अब भी पहले की तरह खेलने को लेकर उत्साहित रहते हैं।’’

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना 83वां शतक लगाने के बाद कोहली ने अपने करियर के इस दौर में अपनी मानसिकता और तैयारी के बारे में बात की थी।

कोहली ने कहा, ‘‘मैं बहुत अधिक तैयारी में यकीन नहीं रखता। मेरा सारा क्रिकेट मानसिक रहा है। मैं शारीरिक रूप से बहुत मेहनत करता हूं। जब तक मेरी फिटनेस का स्तर अच्छा है और मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं तब तक सब ठीक है।’’

भाषा

पंत

पंत


लेखक के बारे में