नरसिंहपुर। मतदान लोकतंत्र का महापर्व है। लेकिन लोकतंत्र क्या होता है, ये नरसिंहपुर जिले के बड़ागांव में जाकर पता चलता है, बड़ागांव के आदिम जाति के वोटर्स को वोट दिलाने के लिए खच्चर भी सहायक भूमिका में होता है, इस गांव में वोटिंग कराने के लिए खच्चर पर लादकर सारा सामान पहुंचाया जाता है। और वोटिंग पूरी करवाने के लिए प्रशासन को 12 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।
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मतदानकर्मियों के दस्ते को बूथ तक पहुंचने के लिए पथरीले रास्ते में 4 से 6 घंटे पैदल चलना होता है, तब जाकर गाडरवारा इलाके के बड़ागांव में मतदान का महापर्व पूरा हो पाता है। मोहपानी पंचायत में आने वाले बड़ा गांव में जाने के लिए न कोई सड़क है, ना ही मतदान का सामान ले जाने के लिए कोई साधन, लिहाजा इस गांव में पहुंचते-पहुंचते विकास के सारे दावे धराशायी हो जाते है।
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ऐसे में खच्चर एक ऐसा कारगर साधन होता है, जिसके उपर मतदान के लिए जरूरी इंक, मशीनें और समान लादकर गांव में पहुंचाया जाता है। यहां के बूथ में सात टोलों के वोटर वोट देते हैं जिनमें तलैया, भातौर, कुकुड़ीपानी टोला शामिल है। जहां कुल मतदाताओं की संख्या करीब 1200 है।