छत्तीसगढ़ का ऐसा गांव जहां रहने वाले हर आदमी का जन्म 1 जनवरी को हुआ ! 

छत्तीसगढ़ का ऐसा गांव जहां रहने वाले हर आदमी का जन्म 1 जनवरी को हुआ ! 

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  • Publish Date - January 24, 2018 / 09:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

एक के बाद एक हर योजना में अनिवार्य किये जा रहे आधार कार्ड को सरकार जहां बेहद महत्वपूर्ण बता रही हैं वहीं दूसरी तरफ इसे बनवाने में और इसके लिए लोगों की सही जानकारी जुटाने में कितनी गंभीरता बरती गई है इसे समझने के लिए आपको सिर्फ यह खबर पढ़ने की जरूरत है। गरियाबंद जिले का छोटा सा गांव है मलियार जिसकी आबादी है 681 यहां की एक खासियत यह है कि यहां रहने वाले हर आदमी का जन्म 1 जनवरी को ही हुआ है जी, हां गांव के पूरे 681 लोगों का जन्म 1 को ही हुआ यहा जन्म वर्ष जरूर अलग-अलग है लेकिन जन्म की तारीख 1 जनवरी ही है और ऐसा संभव हो सका हमारे होनहार सरकारी अफसरों के कारण। दरअसल जब सरकार ने आधार कार्ड अनिवार्य किया तो यहां के ग्रामिणों का भी आधार बनाया गया लेकिन उसमें सभी गांव वालों की जन्म तारीख एक ही लिखी गई है। इनता ही नहीं इतनी बड़ी गलती होने के बाद किसी अधिकारी कर्मचारी ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि पूरे गांव का जन्म दिनांक एक ही कैसे हो सकता है। जिसके बाद पूरे गांव में एक ही जन्म तारीख वाले आधार कार्ड बांट भी दिये गए और अब बीते 4 साल से यहां के लोग त्रुटि पुर्ण आधार कार्ड की वजह से परेशान है अब आधार कार्ड में जन्म तारीख 1 जनवरी और कोटवार के रिकार्ड, स्कूल के रिकार्ड, और वोटर आईडी में अलग-अलग जन्म तारीख की वजह से इन्हें कई जगहों से लौटा दिया जाता है। यहां के ग्रामिणों ने बताया है कि बैंक में तथा कई जगहों से इन्हें गलत जन्म तारीख वाले आधार के चलते वापस लौटा दिया जाता है।

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ऐसी गलती वाला गरियाबंद जिले में मलियार अकेला गांव नहीं है, इसके बगल में स्थित सिवनी गांव तथा गरियाबंद के पास फुलकर्रा गांव के भी लगभग आधे लोगों की जन्म तारीख आधार के अनुसार 1 जनवरी ही है। शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड की उपयोगिता और अनिवार्यता की स्थिती यह है कि मनरेगा की मजदूरी हो या फिर राशन का समान मिलने तक हर योजना के लिए बैंक खाते तथा आधार कार्ड होने और उसे आपस में लिंक कराना जैसे काम गरिबों के लिए सबसे अनिवार्य कार्य हो गया है। ऐसे में आधार कार्ड बनाने वालों की लापरवाही यहां के लोगों पर भारी पड़ती नजर आ रही है। यहां के लोगों का कहना है आने वाले दिनों में इन त्रुटि पूर्ण आधार कार्ड के चलते परेशानी और बढ़ेगी, क्योकि सरकार अब हर जगह आधार के हिसाब से ही सब्सिडी आदि प्रदान कर रही है। बीते 4 साल से त्रुटि पूर्ण आधार कार्ड लेकर घुम रहे इस पूरे गांव के लोगों के बारे में जब हमने आधार कार्ड बनवाने वाले विभाग के इ डिस्ट्रीक मैनेजर मिथलेश देवांगन से पूछा तो उन्होने कहा हमे अभी जानकरी मिली है, हम वहां टीम भेजकर सुधार करवायेगें। देश में जहां आधार कार्ड को लेकर बवाल थमने का नाम नही ले रहा आधार कार्ड को लेकर कोर्ट ने भी टिप्पणी की है वहीं अब ऐसी विचित्र त्रुटियों वाले आधार कार्ड आने वाले दिनों में सरकार के लिए नया सरदर्द बनते नजर आ रहे है। क्योकि इससे आधार कार्ड और उसमें लिखी जानकारियों की विश्वनियता खतरे में पड़ते नजर आ रही है।

 

 

वेब डेस्क, IBC24