बागी नेताओं पर भाजपा-कांग्रेस की सख्ती, प्रदीप जायसवाल और उनके सहयोगी 6 साल के लिए निष्कासित

बागी नेताओं पर भाजपा-कांग्रेस की सख्ती, प्रदीप जायसवाल और उनके सहयोगी 6 साल के लिए निष्कासित

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  • Publish Date - November 16, 2018 / 06:27 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:11 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के चलते टिकट वितरण से नाराज होकर बागी बने नेताओं पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने कड़ी कार्रवाई की है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष उदयसिंह नगपुरे ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वहीं एमपी कांग्रेस कमेटी ने बालाघाट की सबसे हाईप्रोफाईल सीट वारासिवनी विधानसभा सीट पर सीएम शिवराज के साले संजय सिंह मसानी को अपना उम्मीदवार बनाया।

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जिसके बाद से ही कांग्रेस में बगावत शुरू हो गई थी। ऐसे में बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक प्रदीप जायसवाल और उनके सहयोगियों को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है और इनके अलावा कांग्रेस पार्टी से बगावत करने वाले अन्य पदाधिकारियों को भी कड़ी चेतावनी दी गई है।

आपको बतादें बीजेपी नेता हरेन्द्र प्रताप सिंह ने भी बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है। कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने बीजेपी के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। हरेन्द्र प्रताप ने बीजेपी पर पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी में परिवारवाद बढ़ रहा है। हरेन्द्र प्रताप के कांग्रेस में आने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये तो शुरुआत है अभी और लोग बीजेपी छोड़ने की तैयारी में हैं और 19 नवंबर को कई बड़े नाम कांग्रेस में शामिल होंगे। वहीं पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी बीजेपी को आड़े हाथ लिया।

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कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के 15 सालों के झूठ का जवाब जनता देगी। शिवराज के बेटे कार्तिकेय के विरोध पर भी उन्होने कहा कि जनता ऐसा क्यों कर रही है ये बीजेपी को समझना चाहिए। आपको बता दें कि हरेन्द्र प्रताप सिंह के भाई, सुरेंद्र प्रताप सिंह बेबी राजा पटवा सरकार में संसदीय सचिव रहे हैं।