चुनावी गतिविधियों में बच्चों के इस्तेमाल पर आयोग ने उठाया सख्त कदम,चार मामले दर्ज

चुनावी गतिविधियों में बच्चों के इस्तेमाल पर आयोग ने उठाया सख्त कदम,चार मामले दर्ज

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  • Publish Date - November 14, 2018 / 10:41 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

इंदौर। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में महज कुछ समय बचा है,ऐसे में हर दिन राजनैतिक दल अपने अपने प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। चुनावी गतिविधियों में बच्चों के इस्तेमाल और उनके अधिकारों के उल्लंघन के मामले भी प्रदेश में सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में चार मामले दर्ज हुए हैं।

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ज्ञात हो कि राजनीतिक दल बच्चों के अधिकारों का हनन कर रहे है कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री की चुनावी सभा में स्कूल के बच्चे झंडा लेकर खड़े पाए गए थे। हालाकि एफआईआर कार्यक्रम के आयोजकों के नाम पर दर्ज की जा रही है और पार्टी और बड़े नेताओं को बचाया जा रहा है.चुनावी प्रक्रिया में राजनीतिक दलों द्वारा बच्चों के अधिकारों का तो उल्लंघन किया ही जा रहा है। साथ ही मतदाता जागरूकता के नाम पर गैर राजनैतिक संगठन और सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन कर रहे है।

दरअसल निर्वाचन आयोग को शिकायत मिली है कि चुनावी जनसंपर्क,सभाओं में बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा है,कई जगह प्रत्याशी जगह-जगह स्कूलों में जाकर बच्चों से अपना स्वागत करवाकर आरती उतरवा रहे हैं..चुनाव आयोग के निर्देशों का हवाला देते हुए चुनाव में बच्चों के इस्तेमाल पर रोक और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए है। चुनाव में बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन की रोकथाम के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। इंदौर कलेक्टर निशांत वरवड़े के मुताबित आयोग के निर्देश के अनुसार ऐसे मामलों पर कारवाई ज़ारी है। चुनाव में बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन की रोकथाम के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। सांवेर में एक एफआईआर दर्ज़ की है। वही आचार संहिता के उल्लंघन मामले में अब तक डेढ़ सौ के अधिक मामले दर्ज़ है। तीन और एफआईआर की जानकारी हालांकि कलेक्टर के पास नहीं है।