बर्ड फ्लू की दस्तक : लखनऊ चिड़ियाघर और बरेली सीएआरआई में कड़े बंदोबस्त

बर्ड फ्लू की दस्तक : लखनऊ चिड़ियाघर और बरेली सीएआरआई में कड़े बंदोबस्त

बर्ड फ्लू की दस्तक : लखनऊ चिड़ियाघर और बरेली सीएआरआई में कड़े बंदोबस्त
Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: January 10, 2021 12:45 pm IST

बरेली/लखनऊ (उप्र) 10 जनवरी (भाषा) कानपुर चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की दस्तक को देखते हुए राजधानी लखनऊ स्थित प्राणी उद्यान और बरेली के केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) में इस वायरस से बचाव के लिए चाक-चौबंद बंदोबस्त किए गए हैं।

लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक डॉक्टर आर. के. सिंह ने रविवार को बताया, ‘‘हालांकि इस प्राणी उद्यान में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है फिर भी हम लोग पूरी सावधानी बरत रहे हैं। बर्ड फ्लू वायरस प्रवासी पक्षियों के मल से फैलता है हम चाहते हैं कि वह वायरस यहां ना आए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने चिड़ियाघर के गेट पर रसायन युक्त घोल रखा है ताकि यहां आने वाले हर व्यक्ति का पैर संक्रमण मुक्त हो सके। जो चिड़िया बाड़े में हैं उन पर हम नजर रख रहे हैं। किसी भी चिड़िया का व्यवहार अगर असामान्य होता है, अगर वह सुस्त होती है तो उसको आइसोलेशन वार्ड में ले जाएंगे। हमारे अधिकारी लगातार नजर रख रहे हैं।’’

 ⁠

उधर, बरेली के केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) में बर्ड फ्लू के बचाव के लिए बायो सिक्योरिटी की सभी व्यवस्था की गई है। आसमान में उड़ने वाले बाहरी पक्षियों के पीने के पानी के सभी स्रोत बंद कर दिए गए हैं, ताकि संक्रमण ना फैले।

सीएआरआई के कार्यवाहक निदेशक डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि संस्थान के सबसे अहम प्रयोगात्मक ब्रायलर प्रक्षेत्र में कुक्कुट प्रजाति की सुरक्षा के लिए प्रवेश द्वार पर पैदल जाने वालों के जूते भी रोगाणुमुक्त करने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए एक सेंटीमीटर गहरा वाटर सोर्स बनाया है, जिसमें केमिकल डाला गया है। अंदर जाने वाले वैज्ञानिक या कर्मचारी यहां से गुजरेंगे तो इस रसायन से उनके जूते संक्रमण मुक्त होंगे।

उन्होंने बताया कि सीएआरआई में 40,000 पक्षी हैं। इन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। कोई भी बाहरी पक्षी आसमान से सीआरआई परिसर के अंदर प्रयोगात्मक ब्रायलर प्रक्षेत्र में प्रवेश न कर पाए, इसके लिए युद्ध स्तर पर रिफ्लेक्टर लगाए जा रहे हैं। इन रिफ्लेक्टर के लग जाने पर कोई भी आसमान से पक्षी उस क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेगा।

डॉक्टर संजीव ने लोगों को सलाह दी है कि वह अंडे और कुक्कुट मांस को अच्छी तरह पका कर ही खाएं।

भाषा सं सलीम अर्पणा

अर्पणा


लेखक के बारे में