भाजपा ने अखिलेश से पूछा: आपके समय में पंचायतों पर प्रशासक क्‍यों नियुक्‍त हुए थे | BJP asks Akhilesh: Why were administrators appointed on Panchayats in your time

भाजपा ने अखिलेश से पूछा: आपके समय में पंचायतों पर प्रशासक क्‍यों नियुक्‍त हुए थे

भाजपा ने अखिलेश से पूछा: आपके समय में पंचायतों पर प्रशासक क्‍यों नियुक्‍त हुए थे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : December 29, 2020/5:58 am IST

लखनऊ, 29 दिसंबर (भाषा) पंचायत चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर शुरू हो गया है। भाजपा के एक नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सवाल किया है कि उनके कार्यकाल में पंचायतों पर प्रशासक नियुक्त करने का क्या कारण था।

दरसअल एक दिन पहले यादव ने ग्राम पंचायतें भंग करने पर सवाल उठाए थे।

मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्‍यक्ष, विधान परिषद सदस्‍य और पंचायत चुनाव के प्रदेश प्रभारी विजय बहादुर पाठक ने पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव से सवाल किया, ‘’आपके समय में पंचायतों पर प्रशासक क्‍यों नियुक्‍त हुए थे।’’

पाठक ने यादव के रविवार के ट्वीट को टैग करते हुए ट्वीट किया, ” आपके समय क्‍यों पंचायतों पर प्रशासक नियुक्‍त हुए थे, क्‍यों आपने अपने को अक्षम माना था, याद आ जाए तो सार्वजनिक कर दें।”

दरसअल समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष और उत्‍तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट किया था, ”उप्र में भाजपा सरकार ने बिना नये चुनाव कराये ”ग्राम पंचायतें” भंग कर दी हैं। बड़े-बड़े चुनाव तो हो रहे हैं लेकिन लोकतंत्र में जन प्रतिनिधित्‍व की सबसे छोटी इकाई के चुनावों के लिए सरकार अपने को अक्षम बता रही है, ऐसी सरकार उत्‍तर प्रदेश क्‍या चलाएगी। भाजपा लोकतंत्र की बुनियाद पर चोट न करे।”

पाठक ने मंगलवार को अपने ट्वीट में उत्‍तर प्रदेश शासन का नवंबर 2015 का एक आदेश भी जोड़ा जिसमें पंचायती राज विभाग के तत्‍कालीन प्रमुख सचिव चंचल कुमार की ओर से प्रदेश के सभी विकास खंडों में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को प्रशासक नियुक्‍त करते हुए ग्राम पंचायतों के विकास की जिम्‍मेदारी सौंपी गई थी।

उल्‍लेखनीय है कि तब उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव थे और तब भी पंचायत चुनाव देर से हुआ था।

इस बार 25 दिसंबर को उत्‍तर प्रदेश के ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्‍त हो गया। इसके पहले 23 दिसंबर को ही उत्‍तर प्रदेश की निदेशक, पंचायती राज किंजल सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को सर्कुलर जारी कर निर्देश दिया था कि 25 दिसंबर के बाद से ग्राम प्रधानों के खाता संचालन पर रोक लगा दी जाए। इसके लिए सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को अपने विकास खंड के सभी ग्राम प्रधानों के खाता संचालन पर रोक लगाने की जिम्‍मेदारी सौंपी गई थी।

प्रदेश में इस समय करीब 58 हजार ग्राम सभाओं में ग्राम प्रधानों के पद खाली हो गये हैं और पिछले शनिवार से गांवों के विकास की जिम्‍मेदारी सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को मिल गई है। भाजपा प्रदेश उपाध्‍यक्ष विजय बहादुर पाठक ने कहा कि इस बार कोविड-19 के प्रकोप के चलते चुनाव में देरी हुई लेकिन अब सरकार छह माह के भीतर चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है और उसकी तैयारी चल रही है।

सपा अध्‍यक्ष ने पंचायतों का चुनाव न कराये जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा था।

अखिलेश के आरोप पर पाठक ने कहा, ”जो लोग लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई की दुहाई दे रहे हैं उन्‍होंने इस इकाई को अपने निज स्‍वार्थ के लिए कैसे रौंदा है, यह सभी जानते हैं। भाजपा की लोकतांत्रिक मूल्‍यों में आस्‍था है।”

भाषा आनन्‍द मानसी

मानसी

 

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