रायपुर। संविलियन के बाद अब तक अधिसूचना या छत्तीसगढ़ शासन के राजपत्र में न आने और इसकी शर्तों, प्रक्रिया आदि की जानकारी लेने के लिए शिक्षाकर्मी मोर्चा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर समय मांगा है। मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, विरेन्द्र दुबे और केदार जैन ने गुरुवार को मंत्रालय में मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव से मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी।
मोर्चा संचालकों ने कहा है कि प्रदेश के समस्त शिक्षाकर्मियों ने मोर्चा पर विश्वास व्यक्त करते हुए संविलियन 9 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन किया। इसके परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री ने 10 जून को अंबिकापुर में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने संविलियन की घोषणा की। इसके बाद विगत 18 जून को कैबिनेट में संविलियन एवं सातवां वेतनमान को स्वीकृत करने की जानकारी मीडियासे मिली। लेकिन अब तक न ही इस बारे में अधिसूचना या राजपत्र सामने आया है। न ही अधिकृत रूप से उक्त आशय की सूचना मोर्चा को दी गई है। इसके कारण समस्त शिक्षाकर्मियों के बीच संविलियन की शर्तों, प्रक्रिया, क्रियान्वयन, वेतन निर्धारण, क्रमोन्नति/समयमान, वेतन विसंगति का निराकरण और वरिष्ठता आदि मुद्दों को लेकर असमंजस है। अनेक तरह की आशंकाएं कर्मचारियों के मन मे हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि आदोलन के समय जो आंदोलन से बाहर हैं लिखकर शासन के समर्थन में थे, वे लोग अब अनावश्यक अफवाहों और अटकलें फैलाकर विभिन्न वर्ग समूहों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं। वे संविलियन के लिए प्रदेश में अराजक स्थिति पैदा कर रहे हैं। इसका समाप्त होना आवश्यक है। शिक्षाकर्मियों के मन की आशंकाओं का भी निराकरण जरुरी है ताकि प्रदेश के शिक्षाकर्मियों की आशाओं और मंशानुरूप संविलियन प्रदान किया जा सके।
वेब डेस्क, IBC24
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