रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों के लिए संविलियन का आदेश भले ही जारी हो गया हो लेकिन कई जिलों के सीईओ कुछ बिंदुओं पर स्पष्ट नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने राज्य के प्रमुख सचिव शिक्षा गौरव द्विवेदी से मार्गदर्शन मांगा है। वहीं शिक्षक मोर्चा ने कहा है कि अधिकारी मुख्यमंत्री के निर्णय के विपरित काम कर रहे हैं, जिसका कड़ा विरोध किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि कई जिलों में इस बात पर भ्रम है कि विभाग में निम्न पद पर नियुक्ति पश्चात अनुमति प्राप्त कर या बिना अनुमति के उच्च पद पर नियुक्त होने पर वरिष्ठता का निर्धारण किस पद को आधार मानकर किया जाएगा। इसके साथ ही, पदोन्नति के माध्यम से 08 वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षको की वरिष्ठता के निर्धारण में निम्न पद में कार्य किये गए अवधि की गणना की जाएगी या नहीं और नियुक्ति आदेश के चयन क्रम के आधार पर वरिष्ठता का निर्धारण किया जाना है अथवा कार्यभार ग्रहण के आधार पर किया जाना है। इसके अलावा जिन शिक्षकों के विभागीय जांच लंबित है उनके संविलियन के संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं है। ऐसे में जांजगीर-चाम्पा जिले के जिला पंचायत सीईओ जांजगीर चाम्पा अजित वसंत ने प्रमुख सचिव शिक्षा गौरव द्विवेदी से मार्गदर्शन मांगा है।
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इधर शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से कुल सेवा अवधि के आधार पर लाभ देने के लिए आदेश जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जांजगीर चाम्पा जिला पंचायत सीईओ को मार्गदर्शन का जवाब आए बिना ही ब्लॉक के सभी बीईओ व सीईओ को उन शिक्षा कर्मियों को, जिनके पदोन्नत पद में 8 वर्ष पूरे नहीं हुए हैं, निम्न से उच्च पद पर जिन्हें 08 वर्ष पूर्ण नहीं हुए हैं, उन्हें संविलियन का लाभ नही देने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है।
संजय शर्मा ने शिक्षा सचिव से मांग करते हुए कहा है कि जब छठवां (समतुल्य) वेतनमान देते समय 2013 में पदोन्नत शिक्षाकर्मियो को कुल सेवा अवधि की गणना करके लाभ प्रदान किया गया था तो संविलियन में लाभ क्यों नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पदोन्नति विभाग द्वारा की गई है, अतः प्रथम नियुक्ति से कुल सेवा अवधि के आधार पर 08 वर्ष की गणना किया जाए।
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उन्होंने यह भी मांग की है कि निम्न से उच्च पद पद पर कुल सेवा अवधि के आधार पर समतुल्य वेतनमान का लाभ शासन द्वारा दिया गया है, इसलिए सातवां वेतनमान का भी लाभ दिया जाए। विभागीय जांच लंबित हो, ऐसे शिक्षाकर्मियों को भी संविलियन का लाभ दिया जाए। वरिष्ठता निर्धारण में आवश्यक निर्देश जारी किया जाए। उन्होंने इस बारे में जांजगीर-चाम्पा सीईओ को मार्गदर्शन देने की मांग की है।
उन्होंने अभी तक किए गए वीडियो कांफ्रेंसिंग को असफल बताते हुए कहा कि अधिकारियो में समन्वय की कमी है जिसके कारण विसंगति सामने आ रही है।
वेब डेस्क, IBC24
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