शिक्षाकर्मियों में रार, संविलियन से चूके लोगों को साधने की कोशिश, 19 की बैठक में तय होगी रणनीति

शिक्षाकर्मियों में रार, संविलियन से चूके लोगों को साधने की कोशिश, 19 की बैठक में तय होगी रणनीति

  •  
  • Publish Date - August 18, 2018 / 08:15 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

रायपुर। शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा के बाद यह माना जा रहा था कि सरकार की एक बड़ी परेशानी दूर हो जाएगी, लेकिन वर्ग 3 और 8 वर्ष से कम वाले शिक्षाकर्मियों के असंतोष को देखते हुए अब ऐसा नहीं माना जा रहा है। ऐसे में शिक्षाकर्मी मोर्चा का अहम घटक शालेय शिक्षाकर्मी संघ 19 अगस्त को अपनी प्रांतीय बैठक में इस मसले पर चर्चा करने जा रहा है। माना तो यह भी जा रहा है कि संघ इसी दिन अपने पत्ते खोलेगा।

शिक्षाकर्मी संगठनों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक वर्ग 3 और 8 वर्ष से कम वाले शिक्षाकर्मियों के असंतोष को देखते हुए ऐसे भी संगठन जो संविलियन आंदोलन से दूरी बनाकर चल रहे थे, असंतोष से भरे शिक्षाकर्मियों के मुद्दे को भुनाने उठ खड़े हुए। उन्होंने ऐसे असंतुष्ट धड़े को फेडरेशन के नाम से एकत्र किया और फिर से आंदोलन की ताल ठोंक दी।

यह भी पढ़ें : ओवैसी के पार्षद ने किया अटलजी की श्रद्धांजलि सभा का विरोध, पार्षदों ने की मारपीट

बताते हैं कि संविलियन आंदोलन का सूत्रधार मोर्चा शासन से मिली संविलयन/शासकीयकरण को पूर्ण करने में अपनी प्राथमिकता दिखा रहा है। मोर्चा ने वेतन विसंगति, क्रमोन्नति/समयमान वेतन, अनुकम्पा जैसे मुद्दे को सकारात्मक तरीके से समाधान की बात की। लेकिन मोर्चा भी इस मुद्दे पर बिखरता नजर आ रही है। इसके 2 प्रांताध्यक्ष शासन का विरोध करते दिखे, तो पुराने संगठन ने पूरी तरह चुप्पी ओढ़े रखी। वहीं एक संगठन एकजुटता की बात कहते एकता के लिए प्रयास करते नजर आया।

जबकि अब तक देखें तो शिक्षाकर्मी जब-जब भी एकजुट होकर उतरे हैं, उन्हें अपनी मांगे मनवाने में सफलता मिली है। फेडरेशन के नेतृत्वकर्ता आंदोलन के जरि अपनी बात मनवाना चाहते हैं, लेकिन समस्या यह है कि आज प्रदेश के अधिकांश कर्मचारी संगठन आंदोलन की राह पर हैं। ऐसे में आंदोलनकारी शिक्षाकर्मियों की बात कितनी सुनी जाएगी यह संदेहास्पद है। पुराना संगठन एक बार फिर सम्मेलन के नाम पर अलग राह पकते दिख रहा है, जबकि खुद मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि सभी संगठन मिलकर सम्मेलन का आयोजन करें

यह भी पढ़ें : मोदी ने केरल में देखा तबाही का मंजर, 500 करोड़ रूपए राहत राशि का ऐलान

इस घटनाक्रम के बीच मोर्चा के अहम घटक शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने भी रविवार 19 अगस्त को अपनी प्रांतीय बैठक राजधानी रायपुर के आशीर्वाद भवन में रखी है। इस पर पूरे प्रदेश की शिक्षाकर्मियों की नजर बनी हुई है कि वो कल अपना कौन सा पत्ता खोलने जा रहा है। वैसे इसके मुखिया वीरेन्द्र दुबे कई बार एकजुटता की बात कह चुके हैं। सभी मुद्दे पर संगठन का क्या रुख होगा यह तो कल ही जाहिर होगा।

वेब डेस्क, IBC24