धुरमिन गौंटिया है छत्तीसगढ़ का शाहजहां , पत्नी की प्रतिज्ञा पूरी करने बनवाया था 80 एकड़ का तालाब

धुरमिन गौंटिया है छत्तीसगढ़ का शाहजहां , पत्नी की प्रतिज्ञा पूरी करने बनवाया था 80 एकड़ का तालाब

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  • Publish Date - February 11, 2019 / 06:16 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

भिलाई : देश में एक मुगल बादशाह हुए, नाम था शाहजहां, जिन्होंने अपनी मृत पत्नी की याद में उनकी मोहब्बत के नाम ताजमहल बनवा दिया। लेकिन छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव में एक साधारण इंसान ने अपनी पत्नी के प्यार और सम्मान की खातिर उसके जिंदा रहते ही 80 एकड़ का तालाब खुदवा दिया। प्यार के दो प्रतीकों की कहानियां बिलकुल अलग हैं, मगर मोहब्बत की गहराइयां एक।

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मोहब्बत की ऊंचाई, गहराई और अहसास को नापने का कोई पैमाना नहीं है, मगर जब आप छत्तीसगढ़ के भिलाई से लगे कंडरका गांव के 80 एकड़ में फैले तालाब के पास पहुंचते हैं, तो ये अहसास और भी बढ़ जाता है। गांव में बना तालाब करीब 300 साल पुरानी मोहब्बत की गहराइयों को बयां करता है, इस तालाब की खुदाई इश्क को खुदा मानकर की गई थी। ये कहानी तीन शताब्दी पुरानी है। इस गांव में रहने वाले धुरमिन गौटिया की पत्नी पास के गांव चेटुवा के तालाब में नहाने गई थी। बालों में मिट्टी लगकर वो नहाने की तैयारी में थी, तभी वहां से कोई गुजरा और महिला ने अपना सिर ढक लिया। ये देखकर उस व्यक्ति ने ताना मारा कि अगर इतनी ही लज्जा है, तो हमारे गांव नहाने क्यों आते हो, अपने ही यहां तालाब खुदवा लो। धुरमिन गौंटिया की पत्नी बिना बाल धोए ही घर लौटी, और प्रतिज्ञा कर ली कि जब तक उसके पति गांव में तालाब नहीं खुदवाएंगे, वो बाल नहीं धोएगी।

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धुरमिन गौंटिया ने पत्नी के प्यार के लिए, उसकी जिद और जज्बात के लिए और पूरे गांव के सम्मान के लिए तालाब खुदवा दिया। फिर धुरमिन की पत्नी ने उसमें नहाकर अपने बाल धोए। गांव के लोग चाहते हैं कि धुरमिन गौंटिया के खुदवाए तालाब का संरक्षण और संवर्धन अब सरकार करे।

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इतिहास गवाह है कि मोहब्बत की खातिर किसी ने पहाड़ों का सीना चीरकर दूध की नदिया बहा दी, किसी ने अकेले पहाड़ खोदकर रास्ता निकाल डाला, तो किसी ने धरती का सीना चीरकर तालाब बना डाला। इश्क के नाम जिंदगी करने वाले ऐसे आशिकों को सलाम।