मुरैना। सरकारी अधिकारियों में लाल फीताशाही किस कदर हावी है, इसकी बानगी मुरैना में देखने को मिली है, यहां कलेक्टर की डॉगी लूसी की देखभाल के लिए दो सिपाही तैनात रहते हैं। सुबह शाम बारी-बारी से दो पुलिसकर्मी कलेक्टर की डॉगी की देखभाल में अपनी सेवा दे रहे हैं।
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दरअसल जिला कलेक्टर इस समय घड़ियाल केन्द्र में बने रेस्ट हाउस में रूकी हैं। जिसकी बजह से उनकी डॉगी लूसी पूरा समय केंद में रहती है। लूसी की देखभाल में दो पुलिस कर्मी हमेशा तैनात रहते हैं। लूसी से घड़ियाल केंद्र में सैलानियों और घड़ियालों को भी खतरा हो सकता है। लेकिन अधिकारी ऐसा नहीं मानते। लूसी की मौजूदगी से बीएसएफ की ट्रेनिए लिया हुआ वन विभाग के ट्रेंन्ड डॉग शेरा को एक बंद कमरे में रखा जा रहा है। डीएफओ के मुताबिक लुसी घड़ियालों और सैलानियों को कोई खतरा नहीं है। राज्य में जब सुरक्षा की बात आती है तो अक्सर पुलिसकर्मियों की कमी का हवाला दिया जाता है। लेकिन सवाल यही है कि क्या इस तरह जवानों की सेवा का दुरुपयोग करना सही है।