‘टेकरी’ पर टकराव, रामेश्वर शर्मा ने की मांग ‘ईदगाह हिल्स का नाम बदला जाए’

'टेकरी' पर टकराव, रामेश्वर शर्मा ने की मांग 'ईदगाह हिल्स का नाम बदला जाए'

  •  
  • Publish Date - December 1, 2020 / 04:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

भोपाल। पहले यूपी फिर हैदराबाद और अब मध्यप्रदेश जहां स्थानों और धार्मिक स्थलों के नाम बदलने को लेकर सियासत तेज होती जा रही है। एमपी के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने ईदगाह हिल्स का नाम गुरुनानक टेकरी रखने का प्रस्ताव दिया तो कांग्रेस ने भी पलटवार करने में देर नहीं की कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी की तुष्टीकरण की राजनीति कब तक जारी रहेगी। अब बात जगह बदलने की हो या फिर नाम पर राजनीति की लेकिन अब एमपी में एक टेकरी राजनीतिक टकराव का कारण जरुर बन गई है।

पढ़ें- गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवानों की खुदकुशी के बढ़ते मामलों पर की चर्चा, अपर मुख्य सचिव को दिए अहम निर्देश

उत्तरप्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश में भी शहरों और स्थानों के नाम बदलने पर सियासत शुरू हो गई है। विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भोपाल के ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरुनानक टेकरी रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि भारतभूमि की पृष्ठभूमि से जुड़े नाम से हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन औरंगजेब और होशंग शाह तो कलंक हैं। लुटेरों के नाम से शहरों को क्यों पुकारा जाए। मध्य प्रदेश में प्रोटेम स्पीकर ने भोपाल के ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरुनानक टेकरी करने की मांग के बाद एक बार फिर नाम बदलने को लेकर सियासत गरमा गई है !

पढ़ें- अवैध भर्तियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर जिला शिक..

किसी जिले या स्थान का नाम बदलने के लिए जनप्रतिनिधि अपील करते हैं। नगर निगम प्रस्ताव पारित करती है। इसे शासन कैबिनेट में मंजूरी देता है। फिर यह राज्यपाल को भेजा जाता है। राज्यपाल नाम बदलने की अधिसूचना गृह मंत्रालय को भेजते है।पर मौजूदा दौर में नाम बदलने के पीछे सियासी कारण ज्यादा है प्रोटेम स्पीकर की मांग का बीजेपी समर्थन कर रही है तो कांग्रेस इसके पीछे सियासी कारण बता रही है !

पढ़ें- सीएम बघेल बुधवार को नेहरू नगर भिलाई रेलवे अंडरब्रिज…

बीते दिनों हैदराबाद में निकाय चुनाव के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हैदराबाद की जगह भाग्यनगर करने का एलान किया था इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार कई स्टेशन , सड़क और शहरो का नाम बदल चुकी है जिसको लेकर सियासत भी तेज हुई और सियासी फायदा भी मिला.. विलियम शेक्सपियर ने कहा था- नाम में क्या रखा है? पर बदलते वक्त में नाम अब आस्था और सियासत का केंद्र हो गया है। देखना होगा मध्य प्रदेश में नाम बदलने की उठ रही मांग का सियासी भविष्य पर क्या असर होगा !