रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों के संविलियन के बाद जिला और जनपदों में पंचायत संवर्ग के शेष शिक्षकों की जानकारी पंचायत संचालनालय ने मांगी है। संचालक पंचायत तारण प्रकाश सिन्हा ने इस बारे में एक संशोधित प्रपत्र भी सभी जिला पंचायतों के सीईओ को भेजा है।
सभी सीईओ को इस संशोधित प्रपत्र में ऐसे व्याख्याता, शिक्षक और सहायत शिक्षक (पंचायत संवर्ग) की जानकारी देनी है जो 7 वर्ष की सेवा अवधि पूरे कर चुके हों। इसके साथ ही उनकी भी जानकारी भेजनी है जो 7 से 8 वर्ष के बीच कार्यरत हैं।
यह भी पढ़ें : महिला अधिकार सम्मेलन में राहुल का भाजपा-आरएसएस पर वार- बीजेपी के एमएलए से बेटियां बचानी हैं
6 अगस्त को भेजे गए इस प्रपत्र को 3 दिन में चाही गई जानकारी के साथ वापस पंचायत संचालनालय भेजना होगा। बता दें कि राज्य सरकार ने 8 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया है। इससे कम अवधि वालों का सेवा काल जैसे-जैसे 8 वर्ष पूर्ण होता जाएगा उनका भी संविलियन किए जाने की बात कही गई है। इसे उसी प्रक्रिया का हिस्सा माना जा रहा है।
वहीं शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय के प्रदेश संचालक वीरेंद्र दुबे ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन यदि द्वितीय समयमान/क्रमोन्नति प्रदान कर वेतन विसंगति दूर करते हुए वेतनमान का निर्धारण करती है और वर्ष बन्धन हटाकर समस्त शिक्षाकर्मियों का संविलियन कर देती है, तो यह राज्य आदर्श संविलियन प्रदान करने वाला राज्य बन जायेगा। मुख्यमंत्री इस पर निर्णय लें जिससे सबको लाभ मिल सके। यदि समयमान/क्रमोन्नति प्रदान कर दी जाती है तो वर्ग 3 की वेतन विसंगति समस्या भी हल हो जाएगी, क्योंकि इससे उन्हें वर्ग 2 का वेतनमान मिलना प्रारम्भ हो जाएगा।
इसी तरह मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि बहुत से शिक्षाकर्मियों की ज्वाइनिंग जुलाई–अगस्त आदि थी जो कुछ ही दिनों के कारण संविलियन से चूक गए थे। इसके कारण उनके मन मे भारी नाराजगी थी। विगत दिनों मोर्चा प्रदेश संचालक एवं शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने रायपुर के आशीर्वाद भवन तथा बिलासपुर के लायंस क्लब भवन में 8 वर्ष से कम वाले शिक्षाकर्मियों की बैठक आहूत कर उनकी समस्याओं को शासन के समक्ष रखकर उन्हें भी संविलियन का लाभ प्रदान करने की मांग की थी। आज डायरेक्टरपंचायत द्वारा जारी इस प्रपत्र से 8 वर्ष से कम वाले शिक्षाकर्मियों में आशा की किरण दिखाई दे रही है कि शासन उनका भी भला कर सकती है और कोई खुशखबरी सुना सकती है।
वेब डेस्क, IBC24