अब काली पेंट-सफेद शर्ट में नजर आएंगे शिक्षक, महिला शिक्षक पहनेंगी गुलाबी साड़ी-सूट, नए सत्र से शुरूआत

अब काली पेंट-सफेद शर्ट में नजर आएंगे शिक्षक, महिला शिक्षक पहनेंगी गुलाबी साड़ी-सूट, नए सत्र से शुरूआत

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  • Publish Date - April 27, 2018 / 10:05 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

कवर्धा में नए कलेक्टर अवनीश शरण ने शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए नई पहल की है इससे जहां कुछ शिक्षक संघ इससे समहत है तो कुछ शिक्षक संघ ड्रेस कोड को लेकर शिक्षकांे में सहमति के बाद ड्रेस कोड जारी करने की बात कह रहे हैं, हालांकि यह नियम आगामी शिक्षा सत्र से शुरू होगा ऐसे में शिक्षाकर्मी फिलहाल इस नियम का विरोध तो नहीं कर रहे है लेकिन इसके पक्ष में भी जाते नजर नहीं आ रहे है। वहीं शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा में गुणवत्ता सुधार करने तथा समानता लाने के उद्देश्य से इसे लागू करने की बात कह रहे है। 

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कवर्धा में शिक्षकों के लिए नये कलेक्टर ने ड्रेस कोड जारी किया है, हालंाकि इसे सभी की सहमति लेकर शुरू करने की बात उच्चाधिकारियों द्वारा की जा रही है लेकिन शिक्षक संघ इस बात से नाकार रहे हैं, डेªस कोड नए शिक्षासत्र में 16 जून से लागू होगा, शिक्षकों के लिए काला पेंट तथा सफेद कमीज होगा जबकि महिलाओं के लिए गुलाबी कलर की साडी अथवा सलवार शूट होगा, जिस पर लाल या मेहरून कलर की पट्टी होनी चाहिए। डेªस कोड जारी होने की सूचना मिलते ही शिक्षकों में भी तरह तरह की बातें सामने आ रही है, शिक्षा विभाग के उच्चाध्किाारी जहां ड्रेस कोड को सभी की सहमति लेकर लागू करने की बात कह रहे है। वहीं दूसरी ओर शालेय शिक्षाकर्मी संघ द्वारा इस प्रकार की किसी भी सहमति से इंकार किया जा रहा है। 

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संघ कि माने तो शिक्षक हमेशा शालीन कपडों में रहते है तथा ड्रेस कोड जारी करने से कोई खास फर्क नहीं पडेगा। लेकिन बिना सहमति से इस प्रकार से थोपा जाना उचित नहीं मान रहे है। फिलहाल शिक्षाकर्मी, विभाग के इस आदेश का विरोध तो नहीं कर रहे है, लेकिन इसके पक्ष में भी नहीं है, नए फरमान आने के बाद अब शिक्षाकर्मी संघ सभी संघ पदाधिकारियों से चर्चा के बाद इस ओर कदम बढाने की बात कह रहे है। वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग से इस मामले में जानकारी लेने पर बताया जा रहा है कि सभी शिक्षकों की सहमति से ड्रेस कोड जारी किया गया है, इसे लागू करने के लिए किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया गया है। यह समानता पर आधारित है इससे शिक्षा गुणवत्ता में भी सुधार आयेगा। 

 

वेब डेस्क, IBC24