संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान- मंदिर, श्मशान और जलाशय पर सभी जातियों का समान अधिकार | Equal rights of all castes on temples, crematoria and reservoirs: Bhagwat

संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान- मंदिर, श्मशान और जलाशय पर सभी जातियों का समान अधिकार

संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान- मंदिर, श्मशान और जलाशय पर सभी जातियों का समान अधिकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : September 14, 2020/2:40 pm IST

लखनऊ, 14 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सामाजिक समरसता पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि हर जाति में महान लोगों ने जन्म लिया है और मंदिर, श्मशान तथा जलाशयों पर सभी जातियों का बराबर का हक है।

संघ के अवध प्रान्त सह प्रचार प्रमुख दिवाकर अवस्थी ने बताया कि भागवत ने अवध प्रान्त के प्रवास के दूसरे दिन संघ पदाधिकारियों से कहा कि कोई भी ऐसी जाति नहीं है जिसमें श्रेष्ठ, महान तथा देशभक्त लोगों ने जन्म नहीं लिया हो। मंदिर, श्मशान और जलाशय पर सभी जातियों का समान अधिकार है।

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संघ प्रमुख ने कहा कि महापुरुष सिर्फ अपने श्रेष्ठ कार्यों की बदौलत ही महापुरुष हैं और उनको उसी दृष्टि से देखे जाने का भाव भी समाज में बनाये रखना बहुत जरूरी है।

भागवत ने गौ आधारित तथा प्राकृतिक खेती के लिये भी समाज को जागृत तथा प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों को समाज में देशहित, प्रकृति हित में किसी भी सामाजिक अथवा धार्मिक संगठन द्वारा किये जाने वाले कार्य में बढ़—चढ़कर सहयोग करना चाहिये।

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बैठक में कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, गौ सेवा, ग्राम विकास, पर्यावरण, धर्म जागरण और सामाजिक सद्भाव गतिविधियों से जुड़े हुये कार्यकर्ता मौजूद थे।

भागवत ने कुटुंब प्रबोधन के बारे में कहा कि कुटुंब (परिवार) संरचना प्रकृति प्रदत्त है। इसलिये उसकी देखभाल करना भी हमारी जिम्मेदारी है। हमारे समाज में परिवार की एक विस्तृत कल्पना है, इसमें केवल पति, पत्नी और बच्चे ही परिवार नहीं है बल्कि बुआ, काका, काकी, चाचा, चाची, दादी, दादा भी प्राचीन काल से हमारी परिवार संकल्पना में रहे हैं।