बेनकाब हो रहे हैं गरीबों की लाश पर राजनीति करने वाले : मुख्यमंत्री

बेनकाब हो रहे हैं गरीबों की लाश पर राजनीति करने वाले : मुख्यमंत्री

बेनकाब हो रहे हैं गरीबों की लाश पर राजनीति करने वाले : मुख्यमंत्री
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: October 7, 2020 10:35 am IST

लखनऊ, सात अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस मामले को लेकर इन दिनों सरकार पर हमलावर विपक्ष पर तंज करते हुए बुधवार को कहा कि गरीबों की लाश पर सियासत करने वालों के चेहरे बेनकाब हो रहे हैं और सरकार उनसे कानून के मुताबिक बेहद सख्ती से पेश आएगी।

मुख्यमंत्री बांगरमऊ विधानसभा उपचुनाव के संबंध में एक डिजिटल बैठक में भाजपा के बूथ, सेक्टर और मंडल पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ”गरीबी और गरीबों की लाश पर राजनीति करने वाले कभी गरीबों के हितैषी नहीं हो सकते। दरअसल इन लोगों ने आजादी के बाद से गरीबों को का कभी भला चाहा ही नहीं। इनके लिए गरीब सिर्फ वोट बैंक रहा और गरीबी उन्मूलन नारा मात्र है।”

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उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आज भी इनकी मानसिकता जस की तस है। लिहाजा गरीबों की लाश पर राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे। ऐसे चेहरे बेनकाब हो रहे हैं। सरकार एक-एक को पहचानकर कर उनसे कानून के अनुसार बेहद सख्ती से पेश आएगी।”

गौरतलब है कि हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार के बाद पीड़िता की मौत के मामले को लेकर कांग्रेस, सपा और आप समेत पूरा विपक्ष सरकार पर लगातार हमले कर रहा है।

योगी ने कहा, ‘‘हमारे लिए राजनीति सेवा का जरिया है, जबकि विपक्ष के लिए दुकानदारी है। अपनी दुकान चलाने के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। सीएए के विरोध से लेकर हाल की कुछ घटनाएं इसका सबूत हैं। वे हर चीज को जाति, संप्रदाय, मजहब और क्षेत्र के चश्मे से देखते हैं। समाज को बांटकर अपना वोट बैंक बनाए रखने के लिए ये कोई भी हथकंडा अपना सकते हैं। मगर उनके मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे।’’

उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि कोरोना वायरस से संबंधित महामारी के कारण बदले हालात में खुद को बचाते हुए बूथों को केंद्र बनाकर सघन जनसंपर्क करें। आपकी जीत तय है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने इस मौके पर कहा कि कार्यकर्ता विकास में बाधक ताकतों को बेनकाब करें। भाजपा के लोग जिस विचारधारा से हैं और आप जिस नेतृत्व से प्रेरणा एवं मार्गदर्शन पाते हैं, उसकी विपक्ष से कोई तुलना नहीं है।

भाषा सलीम नेत्रपाल

नेत्रपाल


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