छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री डाक्टर रमन सिंह ने बतौर मुख्यमंत्री पांच हजार दिन पूरे कर लिए. जिस भारतीय जनता पार्टी से वे आते हैं उस पार्टी के वे पहले नेता हैं जिनके नाम पर यह कामयाबी दर्ज हो रही है. रमन सिंह खुद एक क्रिकेट के खिलाड़ी हैं इसलिए वो जानते होंगे कि इतने लम्बे समय तक क्रीज पर टिके रहना कितना कठिन काम है. बात केवल टिके रहने की नहीं है क्रीज पर रहकर परफॉर्म करने की भी है.या ऐसा कह लीजिये कि लम्बे समय तक खेलने के लिए धैर्य के साथ मारक क्षमता को बनाये रखना एक अच्छे बल्लेबाज की निशानी होती है और रमन सिंह भाजपा के ऐसे ही बल्लेबाज साबित हुए हैं. यहाँ क्रिकेट की भाषा का इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि रमन सिंह अपने जमाने में माध्यम गति के तेज गेंदबाज हुआ करते थे और क्रिकेट में तेज गेंदबाज को हार्ड हिटर भी माना जाता है और उनकी विरोधी टीम कांग्रेस के नेता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव भी क्रिकेट के खासे जानकार हैं।
रमन सिंह भाजपा के दुसरे मुख्यमंत्रियों से अलग इसलिए भी हैं क्योंकी उन्होंने कांग्रेस के एक मजबूत किले में सेंध लगाई और बहुत नजदीकी मुकाबलों में भाजपा के माथे पर जीत का सेहरा बांधा है।
अब रमन सिंह के नेतृत्व और पार्टी के उन पर भरोसे की बात कर ली जाए. राज्य बनने के बाद सरकार कांग्रेस की बनी.अजीत जोगी पहले मुख्यमंत्री बने और जब 2003 के पहले चुनाव में कांग्रेस मैदान में उतरी तो उसे चुनौती भाजपा से कम अपनी ही पार्टी के दिग्गज बागी नेता दिवंगत विद्याचरण शुक्ल से ज्यादा मिली. नतीजा कांग्रेस सत्ता से बाहर. उसके बाद रमन सिंह लगातार भाजपा की झोली में जीत डालते रहे.आज रमन सिंह भाजपा का निर्विवाद चेहरा है इसे दागदार बनाने की कोशिश हुई भी और हो भी रही है लेकिन ये उनके पांच हजार दिन की पारी में बाउंसर गेंदों से ज्यादा मायने नहीं रखते क्योंकि एक अच्छा बल्लेबाज बाउंसर से बचना भी जानता है।
भविष्य की राजनीतिक तस्वीर तो कोई जानता पर इतना तय है कि कांग्रेस को रमन सिंह को और लम्बा स्कोर बनाने से रोकना है तो मैदान में तगड़ी फील्डिंग और कसी हुई गेंदबाजी करनी होगी क्योंकि बल्लेबाज की आँखें क्रीज पर सेट हो गई है और फालोआन खेल रही कांग्रेस के लिए कोई भी चूक का मतलब चौथे टेस्ट में भी पारी से हार।
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