जनता मांगे हिसाब: IBC24 की चौपाल में कवर्धा की जनता ने मांगा हिसाब

जनता मांगे हिसाब: IBC24 की चौपाल में कवर्धा की जनता ने मांगा हिसाब

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  • Publish Date - May 17, 2018 / 11:16 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

सबसे पहले बात करते हैं ..छत्तीसगढ़ की कवर्धा विधानसभा सीट की.. ये सीट अपने आप में इसलिए खास हो जाती है क्योंकि ये मुख्यमंत्री रमन सिंह का गृह नगर है ..वो दो बार यहां से विधायक भी चुने जा चुके है….क्या है सीट पर नए सियासी समीकरण जानेंगे..लेकिन पहले एक नजर प्रोफाइल पर…

कवर्धा जिले की अहम सीट

परिसीमन के बाद बिरेंद्र नगर को विलोपित कर नया सीट बनाया गया

मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में बंटा हुआ है कवर्धा

231 ग्राम पंचायत शामिल

कुल मतदाता- 2 लाख 86 हजार 385

पुरुष मतदाता- 1 लाख 42 हजार 899 

महिला मतदाता- 1 लाख 43 हजार 486 

फिलहाल सीट पर बीजेपी का कब्जा

अशोक साहू हैं वर्तमान विधायक

कवर्धा विधानसभा की सियासत

मुख्यमंत्री रमन सिंह का गृह नगर है कवर्धा ..वो दो बार यहां से विधायक भी चुने जा चुके है..इस समय यहां अशोक साहू विधायक हैं और एक बार फिर वो चुनावी जंग की तैयारी में जुट गए हैं….उधर कांग्रेस से मोहम्मद अकबर यहां से दावेदारी ठोक रहे हैं। 

 कवर्धा..जो मुख्यमंत्री रमन सिंह का गृह जिला है..कहते हैं कि यहां बीजेपी में उसी को टिकट मिलती है..जो मुख्यमंत्री की पसंद का होता है.. इस बार कवर्धा के सियासी गलियारों में चर्चा है कि सीएम रमन सिंह या उनके बेटे सांसद अभिषेक सिंह यहां से चुनाव लड़ सकते हैं…लेकिन इन खबरों में सच्चाई कितनी है इसका खुलासा आने वाले समय में हो जाएगा..वैसे कवर्धा में भारतीय जनता पार्टी में दावेदारों की कमी नहीं है…वर्तमान विधायक अशोक साहू का नाम इस रेस में सबसे आगे है…क्योंकि उनका कार्यकाल बिना किसी विवाद के खत्म हो रहा है..साथ ही वो साहू समाज का भी प्रतिनिधित्व करते हैं…ऐसे में उनकी दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है…इनके अलावा साहू समाज से ही पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सियाराम साहू, प्रदेश महामंत्री संतोष पांडे,  युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विजय शर्मा सहित कई नेता टिकट के लिए ताल ठोंक रहे हैं।। 

वहीं कांग्रेस की बात करें तो मोहम्मद अकबर ही प्रमुख दावेदार है..  पिछली बार अकबर बीजेपी प्रत्य़ाशी से बहुत कम अंतर से हारे थे…ऐसे में इस बार भी उनका दावा मजबूत है…और वो लगातार क्षेत्र में सक्रिय भी हैं। मोहम्मद अकबर के अलावा जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष महेश चंद्रवंशी भी टिकट के दावेदार है.. जो जातिगत समीकरण के आधार पर फिट बैठते है। इसके अलावा करीब दर्जन भर नेता कांग्रेस से टिकट के लिए जोड़तोड़ कर रहे हैं।  जनता कांग्रेस भी कवर्धा में सक्रिय नजर आ रही है…ऐसे में इस बार कवर्धा में त्रिकोणीय मुकाबला होने के पूरे आसार हैं..।

कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे

ऐसा नहीं है कि मुख्यमंत्री के गृहनगर वाली विधानसभा सीट कवर्धा में सभी समस्याएं हल हो गई हो …बल्कि आदिवासी इलाकों में हालत जस के तस बने हुए हैं …गन्ना उत्पादन के लिए जाना जाने वाला ये इलाका सिंचाई साधनों की कमी से जूझ रहा है … वहीं बरसों से मेडिकल कॉलेज की मांग भी अब तक पूरी नहीं हुई है…जाहिर है  आने वाले चुनाव में कई मुद्दे गूंजने वाले हैं

सीएम रमन सिंह का गृह जिला होने के बाद भी कवर्धा में विकास की की तस्वीर काफी धुंधली नजर आती है..यही वजह है कि आने वाले चुनाव में बीजेपी विधायक को घेरने के लिए विपक्ष के सामने कई मुद्दे हैं…स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो काफी बदहाल है…कवर्धा में अस्पताल तो खुल गए हैं..लेकिन उनमें डॉक्टरों की भारी कमी है.. जिला अस्पताल में ही 7 विशेषज्ञ डॉक्टर के पद रिक्त है.. सारेअस्पताल आज भी नर्स और वार्ड ब्वाय के सहारे है। वहीं वनांचल क्षेत्रों मे गांवों मे पानी की कमी है…वहीं बिजली की किल्लत से भी लोग परेशान हैं…यहां कॉलेज तो खोले गए है लेकिन ज्यादातर में स्टाफ ही नहीं है। वहीं रोजगार की कमी का मुद्दा भी आने वाले चुनाव में गूंजना तय है। लंबे समय से रेलवे आने की बात कही जा रही है लेकिन आज तक नींव नहीं रखी गई है। किसानों के लिए राम्हेपुर में भोरमदेव शक्कर कारखाना तो खोला गया है लेकिन यहां भी अधिकारियों की मनमानी के कारण किसानों को गन्ना बेचने में भारी समस्याएं उठानी पडती है। 

 किसानों की आत्महत्या और विकास कार्यों में भ्रष्टाचार भी यहां बड़ा मुद्दा है.. वहीं बरसों से कवर्धा में मेडिकल कालेज की मांग की जा रही है..लेकिन आज तक उनकी ये मांग भी अधूरी ही है।  

 

वेब डेस्क, IBC24