आदिवासी बाहुल्य चित्रकोट की जनता मांगे हिसाब, मुआवजा-नौकरी पर मिला सिर्फ आश्वासन

आदिवासी बाहुल्य चित्रकोट की जनता मांगे हिसाब, मुआवजा-नौकरी पर मिला सिर्फ आश्वासन

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  • Publish Date - May 19, 2018 / 10:29 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

जनता मांगे हिसाब के सफर की शुरूआत करते हैं छत्तीसगढ़ की चित्रकोट विधानसभा से..सियासी बिसात और मुद्दों की बात करें इससे पहले एक नजर

विधानसभा की प्रोफाइल पर..

बस्तर जिले में आती है विधानसभा सीट

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र

पर्यटन के लिए भी मशहूर

जनसंख्या- करीब 2 लाख

कुल मतदाता- 1 लाख 49 हजार 520 

पुरुष मतदाता- 71 हजार 169 

महिला मतदाता- 78 हजार 351

138 ग्राम पंचायत शामिल

वर्तमान में विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा

दीपक बैज हैं कांग्रेस विधायक

चित्रकोट की सियासत

बीते विधानसभा चुनाव में चित्रकोट में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया था..इस चुनाव में बीजेपी को करारी हार का मुंह देखना पड़ा था…लेकिन अब उसी हार का बदला लेने के इरादे से उतरेगी बीजेपी…लेकिन चुनाव से पहले अगर सबसे बड़ी चुनौती है तो वो है गुटबाजी…चुनावी शोरगुल के बीच टिकट के दावेदार भी सक्रिय दिखाई देने लगे हैं ।

विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है इसके साथ ही चित्रकोट में सियासी बिसात बिछने लगी है…बीते चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस जीत दर्ज करने की रणनीतियां बनाने में जुट गई है..तो वहीं बीजेपी कांग्रेस से पिछली हार का बदला लेने के इरादे से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है…जीत हार के इस गुणा-भाग के बीच बीजेपी-कांग्रेस में टिकट के दावेदारों की लाइन लगनी भी शुरू हो गई है.

बात बीजेपी की करें तो टिकट के दावेदार कई हैं लेकिन सबसे प्रबल दावेदारों में शामिल हैं लछुराम कश्यप..इसके अलावा बैदुराम कश्यप भी दावेदारों में से एक हैं…अब बात कांग्रेस की करें तो वर्तमान विधायक दीपक बैज टिकट की दौड़ में सबसे आगे हैं…तो वहीं राजमन बेंजाम भी दावेदार माने जा रहे हैं । अब विधायक की टिकट की रेस में कौन जीतेगा ये तो तय नहीं है लेकिन इतना तय जरुर है कि इस बार बीजेपी और कांग्रेस में टक्कर बेहद कड़ी होगी ।

चित्रकोट के मुद्दे

आदिवासी बाहुल्य चित्रकोट विधानसभा में विकास का पहिया थमा नजर आता है…हालात ये है की बुनियादी सुविधाओं तक के लिए तरस रहे हैं लोग ।बस्तर जिले की चित्रकोट विधानसभा आदिवासी बाहुल्य इलाका है सालों से पिछड़े इस इलाके में आज भी विकास नहीं पहुंच पाया…विकास के नाम पर अगर लोगों को मिला तो सिर्फ आश्वासन..ग्रामीणों से नौकरी के नाम पर भूमि अधिग्रहित की गई लेकिन अब तक न तो ग्रामीणों को कोई नौकरी मिल पाई और न ही उनकी जमीन वापस मिली.

जिसकी मांग किसान सालों से करते आ रहे हैं..जमीन अधिग्रहण के बाद  मुआवजा, पुनर्वास को लेकर भी किसान आक्रोशित हैं..इसके अलावा क्षेत्र के लोग बिजली, पानी और बेरोजगारी जैसी  समस्याओं से दो चार हो रहे हैं।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान क्षेत्र के डिलमिली इलाके में अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट की घोषणा की थी जिसपर भी अबतक कोई काम नहीं हो पाया है…वहीं प्राकृतिक दृष्टि से संपन्न इस क्षेत्र में चित्रकूट जैसा विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल स्थित है इसके बावजूद पर्यटन को लेकर क्षेत्र में कोई खास काम नजर नहीं आता।

 

वेब डेस्क, IBC24