जनता मांगे हिसाब: बुनियादी सुविधाओं की मोहताज संगम नगरी

जनता मांगे हिसाब: बुनियादी सुविधाओं की मोहताज संगम नगरी

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  • Publish Date - May 26, 2018 / 10:35 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

जनता मांगे हिसाब में शुक्रवार को धर्मनगरी राजिम की जनता ने अपने क्षेत्र के समस्याओं, प्रमुख मद्दों को प्रमुखता से उठाया है। आइए जानते हैं क्या राजिम विधानसभा क्षेत्र के बारे में-

राजिम विधानसभा के चुनावी समर में अब तक तो मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस में होता आया है… लेकिन इस बार के चुनावी संग्राम में बीजेपी और कांग्रेस को टक्कर देगी JCCJ..अब चुनाव नजदीक हैं तो चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं सियासी दल और शुरु हो गई है विधायक की टिकट की रेस । 

पंडित श्यामाचरण शुक्ल और पवन दीवान जैसे दिग्गज नेताओं की सियासी जमीन रही है राजिम विधानसभा…इस विधानसभा सीट पर कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी जीत का परचम लहराती आ रही है..बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी के संतोष उपाध्याय ने कांग्रेस के अमितेष शुक्ल को शिकस्त दी थी…अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव नजदीक हैं तो चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं सियासी दल.

इसके साथ ही विधायक की टिकट की रेस भी शुरु हो गई है…बात कांग्रेस की करें तो दावेदारों में अमितेष शुक्ल का नाम सबसे आगे है… तो वहीं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बाबूलाल साहू भी दावेदार हैं..अब बात बीजेपी की करें तो वर्तमान विधायक संतोष उपाध्याय सबसे प्रबल दावेदार हैं…तो वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. श्वेता शर्मा भी दावेदार हैं..इसके अलावा बीजेपी जिलाध्यक्ष डॉ रामकुमार साहू और डॉ रूपसिंह साहू भी टिकट की दौड़ में हैं…बीजेपी, कांग्रेस की तरह ही JCCJ में भी दावेदारों की कतार लंबी है…जिसमें रोहित साहू और राकेश तिवारी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं ।

राजिम के मुद्दे

सियासी नजरिए से तो बेहद समृद्ध है राजिम विधानसभा लेकिन विकास के नजरिए से देखे तो पिछड़ा नजर आता है..हालत ये की बुनियादी सुविधाओं तक के लिए तरस रहे हैं लोग । 

संगम नगरी के लिए प्रसिद्ध राजिम विधानसभा विकास की दौड़ में पीछे नजर आती है…विधानसभा में एक नहीं कई समस्याओं से जूझ रहे हैं लोग…विकास कार्यों की गुणवत्ता को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं तो वहीं मनरेगा की मजदूरी और शौचालय निर्माण की राशि के लिए भी तरस रहे हैं लोग…इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना भी सवालों के घेरे में है…शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मोर्च पर भी फेल नजर आता है राजिम.

स्कूली शिक्षा तो बदहाल है ही..उच्च शिक्षा की स्थिति भी ठीक नहीं है..मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज की मांग सालों से अधूरी है…स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो आज भी अस्पताल डॉक्टरों और जरुरी संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं…इलाके में बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या है…इसके अलावा पीपरछेड़ी जलाशय आज भी अधूरा है तो वहीं फिंगेश्वर के जामगांव इलाके में सिंचाई के अभाव में किसानों के खेत प्यासे हैं…राजिम विधानसभा में रेल सुविधा तो दूर कुम्भनगरी राजिम में बस स्टैंड तक नहीं बन सका ।

 

वेब डेस्क, IBC24