जनता मांगे हिसाब: बुनियादी सुविधाओं को तरस रही बड़नगर की जनता

जनता मांगे हिसाब: बुनियादी सुविधाओं को तरस रही बड़नगर की जनता

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  • Publish Date - June 2, 2018 / 12:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

अब बात मध्य प्रदेश की बड़नगर विधानसभा की…सियासी समीकरण और मुद्दों की बात करें इससे पहले एक नजर विधानसभा की प्रोफाइल पर.

उज्जैन जिले में आती है विधानसभा सीट

कुल जनसंख्या -2 लाख 50 हजार 

कुल मतदाता-1 लाख 86 हजार 

पुरुष मतदाता-1 लाख 2300

महिला मतदाता-83 हजार 700

107 पंचायत और 198 गांव विधानसभा में शामिल

वर्तमान में विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा

मुकेश पंड्या हैं बीजेपी विधायक

बड़नगर की सियासत

बड़नगर विधानसभा में बीते चुनाव में कमल खिला था…इस बार भी बीजेपी जीत का परचम लहराने की रणनीतियां बनाने में जुट गई है…तो वहीं कांग्रेस पिछली हार का बदला लेने के इरादे से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है.

बीजेपी के गढ़ के तौर पर जानी जाती है बड़नगर बीते चुनाव में बीजेपी के मुकेश पंड्या ने कांग्रेस के महेश पटेल को कड़ी शिकस्त दी थी…अब एक बार फिर चुनाव की रणभेरी बजने वाली है तो सियासी बिसात भी बिछना शुरु हो गई है..जहां बीजेपी जीत बरकारार रखने की रणनीतियां बना रही है तो वहीं कांग्रेस बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में हैं…इसके साथ ही विधायक की टिकट की दौड़ भी शुरु हो चुकी है..बात कांग्रेस की करें तो बीते चुनाव में हार का मुंह देख चुके महेश पटेल प्रबल दावेदार हैं..तो वहीं 

मुरली मोरवाल , पूर्व विधायक वीरेंद्र सिसोदिया और सुरेन्द्र सिसोदिया के नाम दावेदारों की लिस्ट में हैं…अब बात बीजेपी की करें तो वर्तमान विधायक मुकेश पंड्या दावेदारों में सबसे आगे हैं…इसके अलावा पूर्व विधायक शांति लाल धवई और मोहन यादव भी दावेदारों में शामिल हैं । 

बड़नगर के मुद्दे

बड़नगर समस्याओं के टापू हर तरफ दिखाई देते हैं…हालात ये की बुनियादी सुविधाओं तक के लिए तरस रही है जनता । कहीं पानी के लिए हाहाकार…कहीं बिजली का इंतजार..तो कहीं सड़कें बदहाल,यही हाल है बड़नगर विधानसभा का…कस्बों से लेकर गांव तक लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं…कई गांवों तो ऐसे हैं जो अब तक सड़क और बिजली से अछूते हैं… इसके अलावा बड़नगर स्वच्छता के मामले में भी फिसड्डी है..हालत ये की हर तरफ गंदगी का अंबार लगा नजर आता है। 

पूरे विधानसभा को तो छोड़िए वर्तमान विधायक के गांव खरसोद खुर्द में पीने के पानी तक के लिए तरस रहे हैं लोग..हालत ये की कई किलोमीटर से पानी लाने को मजबूर हैं लोग…पेयजल के साथ गांव में सड़कों की हालत भी खराब है…अब सोचिए जब विधायक के गांव की ये हालत है तो पूरे विधानसभा के हाल क्या होंगे ।शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार के मोर्च पर भी फेल है बड़नगर..स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा तो बदहाल है ही. स्वास्थ्य सुविधाएं भी बेहाल हैं. अस्पतालों में ना जरुरी संसाधन हैं और ना ही डॉक्टर. इसके अलावा बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या हैरोजगार के साधनों के अभाव में पलायन पर भी लगाम नहीं लग पा रही है ।

 

वेब डेस्क, IBC24