लखनऊ, नौ फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को जैविक खेती पर जोर देते हुए कहा, ‘‘जैविक कृषि उत्पादों को प्रमाणित करने वाली प्रयोगशालाओं को मंडल स्तर पर स्थापित किया जाना चाहिए’’।
यहां मंगलवार को जारी सरकारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में मंडल स्तर पर प्रयोगशाला की स्थापना को बल देते हुए कहा, ‘‘सभी मंडलों में ऑर्गेनिक (जैविक) कृषि उत्पाद प्रमाणित करने वाली प्रयोगशालाओं की स्थापना को गति दी जाए।’’
लोकभवन में मंगलवार को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘जैविक खेती में अपार संभावना मौजूद है और इसे अपनाने से प्रधानमंत्री के किसानों की आय को दोगुना करने के संकल्प को साकार करने में बड़ी मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाना वर्तमान समय की मांग है क्योंकि लोग ऑर्गेनिक कृषि उत्पादों के उपयोग को वरीयता प्रदान कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कृषि उत्पाद को ऑर्गेनिक प्रमाणित करने की विकेन्द्रित व्यवस्था होनी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि कृषि विविधीकरण किसानों की आय को बढ़ाने का एक अच्छा माध्यम है, प्रदेश के कई जनपदों के किसानों ने अभिनव प्रयोग करते हुए ऐसी फसलें उगाईं, जिनके बारे में यह धारणा थी कि वे स्थानीय जलवायु और भूमि के अनुकूल नहीं हैं, प्रदेश में स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट तथा ब्लैक राइस की खेती ने देश व दुनिया को नया संदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कहा कि झांसी में स्ट्रॉबेरी महोत्सव के आयोजन से इस फल की खेती के सम्बन्ध में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों में व्यापक जागरूकता आयी है।
उन्होंने इसी प्रकार प्रदेश में ड्रैगन फ्रूट महोत्सव का आयोजन किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ज्यादा से ज्यादा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ उपलब्ध कराने के लिए शुरू से ही प्रयासरत रही है।
भाषा आनन्द धीरज
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