महाकाल मंदिर के बाहर जमकर चले लाठी डंडे ,युवतियां भी हुई मारपीट की शिकार
महाकाल मंदिर के बाहर जमकर चले लाठी डंडे ,युवतियां भी हुई मारपीट की शिकार
उज्जैन। एक तरफ उज्जैन जिला कलेक्टर मनीष सिंह उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की व्यवस्था सुधारने में लगे हैं तो दूसरी तरफ आस -पास के लोग है की अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे।लाख कोशिश के बाद भी मंदिर और उसके आसपास की व्यवस्थायें सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं।
हैरानी की बात ये है कि महाकाल मंदिर के बाहर आय दिन झगडे होते रहते हैं और प्रशासन उसे कंट्रोल नहीं कर पा रहा। आज मंदिर के बाहर फूल प्रसाद बेचने को लेकर दो दुकानदारों के बीच इस कदर झगड़ा हुआ कि उसे देखकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। हर कोई इस झगड़े को देखकर स्तब्ध रह गया लेकिन महज 100 मीटर दूरी पर थाना स्थित होने और महाकाल मंदिर में पुलिस चौकी होने के बाद भी यहाँ पुलिस का कोई नामोनिशान नहीं दिखा। करीब 20 मिनट तक महाकाल मंदिर के बाहर खतरनाक मारपीट का ये तमाशा चलता रहा लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं थी। या यूं कहें कि किसी भी पुलिस कर्मी ने इस झगड़े को रोकने की न तो अपनी जिम्मेदारी समझी और न ही कोशिश की।
ये भी पढ़ें –रेल मंत्रालय का फैसला, 75 करोड़ रुपये तक की परियोजना के लिए मंजूरी का अधिकार डीआरएम को
हालाँकि घटना के एक घण्टे बाद पुलिस ने मारपीट करने वाले दोनों पक्षों को थाने पहुंचने पर दोनों पक्षों के खिलाफ मारपीट का क्रॉस मुकदमा दर्ज कर लिया है लेकिन गिरफ्तारी किसी की भी नहीं हुई है। हालांकि पुलिस अब आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की बात कह रही है। महाकाल मंदिर के बाहर खतरनाक तरीके से हुई मारपीट की इस घटना ने महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।
ये भी पढ़ें –आखिर ऐसा कौन सा फोन आता था जिससे घबरा जाते थे भय्यू जी महाराज ?
महाकाल मंदिर के बाहर असुरक्षा और पुलिस की अनदेखी का ये आलम तब है जब दो दिन पहले भी यहाँ फूल प्रसादी बेचने को खूनखराबे हो चुका है और एक युवक चाकूबाजी में गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब महाकाल मंदिर में चार स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है और महाकाल मंदिर की पुलिस चौकी होने के साथ, थाना पुलिस, विशेष सशस्त्र बल, होमगार्ड्स के अलावा महाकाल मंदिर की खुद की सिक्योरिटी एजेंसी यहाँ सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही है। अब देखना ये है कि महाकाल मंदिर के बाहर हुई मारपीट की इस खतरनाक घटना और आये दिन फूल प्रसादी बेचने को लेकर हो रहे खूनखराबे की घटनाओं को सिंघम के रूप में ख्याति अर्जित कर चुके पुलिस कप्तान सचिन अतुलकर और कलेक्टर मनीष सिंह क्या एक्शन लेते हैं।
वेब डेस्क IBC24

Facebook



