महाराष्ट्र सरकार दाह संस्कार की वजह से बढ़े वायु प्रदूषण के मुद्दे को देखे : बंबई उच्च न्यायालय

महाराष्ट्र सरकार दाह संस्कार की वजह से बढ़े वायु प्रदूषण के मुद्दे को देखे : बंबई उच्च न्यायालय

महाराष्ट्र सरकार दाह संस्कार की वजह से बढ़े वायु प्रदूषण के मुद्दे को देखे : बंबई उच्च न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 pm IST
Published Date: May 27, 2021 1:35 pm IST

मुंबई, 27 मई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वे कोविड-19 महामारी से हुई मौतों के कारण दाह संस्कार की संख्या में वृद्धि से उपजे वायु प्रदूषण की समस्या का देखे।

न्यायमूर्ति अमजद सैय्यद और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी ने पुणे की छह हाउसिंग सोसाइटी द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। याचिकाकर्ताओं ने कोविड-19 से होने वाली मौतों की वजह से नजदीकी श्मशान भूमि में दाह संस्कार की संख्या में वृद्धि और उससे वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी को रेखांकित किया था।

अदालत ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल करे और तय कर कि धुएं को कम करने के लिए सबसे बेहतरीन प्रौद्योगिकी क्या हो सकती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक तंत्र तैयार करना होगा। अब भी हम पारंपरिक तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’

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अदालत ने कहा कि प्राधिकारियों को प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए श्मशान भूमि में वैज्ञानिक उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए।

महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) की ओर से पेश अधिवक्ता शर्मिला देशमुख ने अदालत को बताया कि एमसीपीबी अध्यक्ष श्मशान भूमि से निकलने वाली जहरीली गैस को रोकने के उपाय के लिए तनकीकी विशेषज्ञ नियुक्त कर सकते हैं।

अदालत ने राज्य सरकार और एमपीसीबी को दो जून को पीठ को इस बारे में बताने को कहा।

भाषा धीरज अनूप

अनूप


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