समाज में थर्डजेंडर को अलग नजरों से देखा जाता है। ऐसे में अब छत्तीसगढ़ के थर्डजेंडर अपनी पहचान एक पुरुष या महिला के रुप में बना रहे है। पिछले एक साल के अंदर छत्तीसगढ़ में दो दर्जन से ज्यादा थर्डजेंडर पुरुष या महिला बने है। दरअसल ये लोग समाज से जुड़कर आसानी से आम लोगों की तरह जिंदगी बीताना चाहते है। आम लोगों की तरह माता-पिता भी बनना चाहते है। दूसरी ओर सामान्य लड़के-लड़कियां ट्रांससेक्सुअल करा रहे है। दरअसल ट्रांससेक्सुअल में लड़का और लड़की के शारीरिक अंग सामान्य इंसान की तरह होता है। लेकिन दोनों की आदतों में अंतर होता है। जैसे एक लड़के का स्वाभाव लड़की की तरह होता है। और लड़की की आदत लड़कों की तरह होता है। ऐसे में ये लड़के-लड़कियां अपनी स्वाभाव के अनुरुप जेंडर चेंज करा रहे है। ट्रांसजेंडर कराने का खर्च 2 से 5 लाख रुपए के लगभग आता है।