मुक्तिधाम तो बन कर तैयार है लेकिन आपको उस जगह में मुक्ति नहीं मिल सकती ऐसा ही कुछ नियम बना दिया है। राजिम के ग्राम पंचायत चरौदा के सरपंच ने अब वहां के नागरिको को समझ नहीं आ रहा कि आखिर वो करें तो क्या करें।दरअसल चरौदा में जो नवनिर्मित मुक्ति धाम बना है वह रोजगार गारंटी योजना के तहत बना है। और सरपंच का कहना है कि जब तक लोकार्पण नहीं हो जाता शव दाह की अनुमति नहीं मिलेगी।
आखिर क्या है मामला
हुआ ये कि गांव की ही 40 वर्षीय महिला अमरौतिन बाई साहू की गंभीर बीमारी के चलते इलाज के दौरान मौत हो गई. शोकाकुल परिवार ने सरपंच से मुक्तिधाम में दाह संस्कार करने की बात कही. सरपंच ने साफ-साफ शब्दों में मना कर दिया. साथ ही गांव के किसी को भी यहाँ शव नहीं जलाने की हिदायत दी.जिस पर शोकमग्न परिवार को शव का खुले में दाह संस्कार करना पड़ा।
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इस मामले में सरपंच का कहना है कि मुक्तिधाम का अभी लोकार्पण नहीं हुआ है. ना ही भवन निर्माण की राशि मिल सकी है.जो रोजगार गारंटी योजना के तहत बनाया गया है.इस मामले पर जनपद पंचायत फिंगेश्वर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी महेश पटेल का कहना था कि यह वाकई मानवता को शर्मसार कर देने वाली बात है. उन्होंने आगे कहा कि रोजगार गारंटी योजना के तहत निर्माणाधीन मुक्ति धाम की मटेरियल सप्लाई की राशि बाकी है. किन्तु उक्त वजह से मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार किये जाने में मना करना एक जनप्रतिनिधि के लिए अच्छी बात नहीं है. मामले का जाँच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
वेब टीम IBC24