पूर्वजों से मिली सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की जरूरत : राज्‍यपाल आनंदी बेन | Need to preserve cultural heritage from ancestors: Governor Anandi Ben

पूर्वजों से मिली सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की जरूरत : राज्‍यपाल आनंदी बेन

पूर्वजों से मिली सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की जरूरत : राज्‍यपाल आनंदी बेन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : March 1, 2021/1:53 pm IST

लखनऊ, एक मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश की राज्‍यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को भातखंडे संगीत संस्‍थान अभिमत विश्‍वविद्यालय, लखनऊ के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ” संगीत एक साधना है और उत्तर प्रदेश की संगीत परंपरा न केवल प्राचीनतम है, बल्कि सबसे अधिक समृद्ध रही है।”

अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा,”यहां शास्त्रीय और भक्ति संगीत के साथ ही लोक संगीत का प्रचुर खजाना मौजूद है और हमें अपने पूर्वजों से मिली सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में कार्य करना चाहिए। इसके साथ ही हमें नई पीढ़ी के मन में भारतीय संस्कृति, भारतीय संगीत एवं भारतीय कला के प्रति सम्मान पैदा करने का प्रयास करना चाहिए तथा उन्हें संगीत व नृत्य सीखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।”

राजभवन से जारी बयान के अनुसार कुलाधिपति ने कहा कि भारतीय संस्कृति में ज्ञान, विज्ञान, कला और संगीत की अमूल्य विरासत निहित है, जिसमें शिक्षा की महती भूमिका है।

उन्होंने कहा,”शिक्षा व्यक्ति को संस्कारित करते हुए उसमें नैतिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक प्रवृत्तियों का उचित समावेश कर उसके भावी जीवन को समुन्नत एवं समृद्ध करती है।”

राज्‍यपाल ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी का सपना होता है कि वह अपने शैक्षिक संस्थान के उच्चतम सोपान पर स्वयं को अभिषिक्त होता हुआ देख सके, इसलिये वह शैक्षिक गतिविधियों, पठन-पाठन एवं शोध के यथावश्यक कार्यों में स्वयं को प्राण-पण से सन्नद्ध कर देता है। उसका प्रथम लक्ष्य डिग्री-उपाधि प्राप्त करना और द्वितीय लक्ष्य उस योग्यता के आधार पर जीवन के आगामी लक्ष्य की सम्पूर्ति करना होता है।

उन्होंने कहा कि उपाधि प्राप्त करने वाले बच्चे शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेकर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश-विदेश में संगीत की अलख जगाने का कार्य करेंगे।

आनंदीबेन पटेल ने भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, लखनऊ के 10वें दीक्षान्त समारोह में छह पीचएडी, 72 परास्नातक, 44 स्नातक समेत कुल 123 डिग्रियां प्रदान की जबकि 44 विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किये, जिसमें से महिलाओं को 13 स्वर्ण , पांच रजत और 6 कांस्य पदक प्रदान किये गये। सर्वाधिक छह पदक उसमीत सिंह को गायन में मिले।

इस अवसर राज्यपाल ने स्मारिका का विमोचन भी किया। विश्वविद्यालय द्वारा आमंत्रित किये गये स्कूली बच्चों को राज्यपाल ने बैग, पुस्तक, फल आदि दिये।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रसिद्ध गायन-वादनाचार्य पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य तथा भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के कुलपति एवं लखनऊ मंडल के आयुक्त रंजन कुमार सहित शिक्षकगण व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

भाषा आनन्‍द धीरज

धीरज

 

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