शिक्षाकर्मियों को दी गयी नई जिम्मेदारी ,सरकारी कार्यक्रम में भीड़ जुटाने की

शिक्षाकर्मियों को दी गयी नई जिम्मेदारी ,सरकारी कार्यक्रम में भीड़ जुटाने की

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  • Publish Date - December 9, 2017 / 12:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

शिक्षाकर्मियों द्वारा हड़ताल के समय  जुटाए गए जनसैलाब से सरकार को शायद ये समझ आ गया है की भीड़ जुटाने का काम  शिक्षाकर्मी से बेहतर कोई नहीं कर सकता। आज जो आदेश जगदलपुर के बस्तानार विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने शिक्षाकर्मी को दिया है उसे सुनकर तो सरकार की दमनकारी नीति सामने दिख रही है। 

 

 जगदलपुर के बस्तानार विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने बकायदा पत्र जारी कर शिक्षाकर्मियों को ट्रकों से सरकारी कार्यक्रम में लाने और ले जाने की ये जिम्मेदारी सौंपी है। दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार के 14 साल पूरे हुए हैं। इस मौके पर जगह-जगह पर कार्यक्रम हो रहा है. 12 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के बस्तर में 14 साल बेमिसाल’ कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम में भीड़ जुटाने की बड़ी जिम्मेदारी शिक्षाकर्मियों को सौंपी गयी है. बीईओ ने अधिकारिक पत्र जारी कर कहा है कि भीरलिंगा विकासखंड के परचनपाल में 12 दिसंबर को कार्यक्रम का आयोजन होना है, जिसके लिए 11 दिसंबर को सचिव-सरपंच स संपर्क कर लोगों को कार्यक्रम स्थल पर ट्रकों से लाने-ले जाने के लिए शिक्षाकर्मियों को ग्रामपंचायत व संकुलवार प्रभारी बनाया जाता है। इस कार्यक्रम में 47 शिक्षाकर्मियों को भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी दी गयी है.इधर शिक्षाकर्मी संघ ने ऐसे आदेश का कड़ा विरोध जताया है। शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश प्रवक्ता विवेक दुबे ने कहा है कि

कई बार ये आदेश जारी हो चुका है कि शिक्षाकर्मियों को गैर शैक्षणिक कामों में ना लगाया जाये, लेकिन हमेशा उस आदेश की धज्जियां उड़ायी जाती है, बच्चों की पढ़ाई के अलावे अन्य कामों में लगा दिया जाता है, अब ये नया आदेश आया है, सीनियर अधिकारी को इस ओर ध्यान देना चाहिये।

हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है, जब शिक्षाकर्मियों को पढ़ाई के अलावे इस तरह की जिम्मेदारियां दी गयी है। लेकिन इस बार सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि हड़ताल की वजह से पढ़ाई में नुकसान की दुहाई देकर सरकार ने ना सिर्फ तीन महीने के लिए शिक्षाकर्मियों की छुट्टी पर रोक लगा दी है. बल्कि एक्स्ट्रा क्लासेस लगाने का भी आदेश दिया गया है। लेकिन इस आदेश के साथ ही दूसरे आदेश के तहत अधिकांश शिक्षाकर्मियों की वोटर लिस्ट बनाने का आर्डर भी थमा दिया गया. तो दूसरी तरफ ऐसे कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी भी दे दी गयी है।