अब 112-यूपी पर अपनी बोली में होगा समस्या का समाधान

अब 112-यूपी पर अपनी बोली में होगा समस्या का समाधान

अब 112-यूपी पर अपनी बोली में होगा समस्या का समाधान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: October 22, 2020 1:27 pm IST

लखनऊ, 22 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के लोग 112-यूपी पर अब अपनी बोली में समस्या बता सकेंगे और उसी में समाधान भी प्राप्त कर सकेंगे। प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार से शुरू हुई इस सेवा के लिए फिलहाल 19 महिला संवाद अधिकारी तैनात किये हैं।

आपातकालीन 112-यूपी यह कदम इसलिये उठाया है ताकि परस्पर संवाद की प्रक्रिया को और बेहतर किया जा सके। क्षेत्रीय भाषाओं में पारंगत संवाद अधिकारियों की नियुक्ति से ग्रामीण अंचल से सहायता के लिए कॉल करने वाले लोगों खास कर महिलाओं को अपनी बात बताने में काफी सुविधा होगी।

112-यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक असीम अरूण ने बताया, ‘‘प्रतिदिन 15-17 हजार लोग फोन पर पुलिस से सहायता मांगते हैं। इनमें क्षेत्रीय भाषाओं में मदद मांगने वालों की संख्या काफी होती है। इसके लिये भोजपुरी में बात करने वाले दो-दो अधिकारी चौबीसों घंटे तैनात होंगे। अवधी में बातचीत करने के लिये तीन शिफ्ट में चार अधिकारी तैनात होंगे, बुंदेलखंडी में बात करने के लिये एक अधिकारी सुबह तैनात होगा वहीं उत्तराखंडी में बात करने के लिये एक अधिकारी सुबह एक शाम तैनात होगा। सभी संवाद अधिकारी महिलाएं हैं।’’

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अधिकारी कॉल करने वालों से उन्हीं की बोलियों भोजपुरी, अवधी, ब्रज, बुन्देलखंडी आदि में बात करेंगे।

अपर पुलिस महानिदेशक अरुण ने बताया कि संवाद अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

उन्होंने कहा कि पुलिस सहायता मांगने वाली महिलाओं को अपनी क्षेत्रीय बोली में बात करने में सहज महसूस होगा। साथ ही अपनी बोली में बात करके वह समस्या को सटीक तरीके से बता सकेंगे और समाधान भी अच्छे से समझ सकेंगे।

भाषा जफर अर्पणा

अर्पणा


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