राजभाषा आयोग के पहले अध्यक्ष पद्मश्री पं. श्यामलाल चतुर्वेदी का निधन, सीएम-राज्यपाल ने जताया शोक

राजभाषा आयोग के पहले अध्यक्ष पद्मश्री पं. श्यामलाल चतुर्वेदी का निधन, सीएम-राज्यपाल ने जताया शोक

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  • Publish Date - December 7, 2018 / 05:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST

बिलासपुर। पद्मश्री पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी का आज सुबह निधन हो गया। बिलासपुर के निजी अस्पताल में आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। पंडित श्यामलाल लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पिछले दिनों रायपुर के भी निजी अस्पताल में उनका इलाज चला था। जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी।

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मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार पण्डित श्यामलाल चतुर्वेदी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है । मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने रायपुर में जारी शोक संदेश में कहा कि पण्डित श्यामलाल चतुर्वेदी के निधन से छत्तीसगढ़ में साहित्य और पत्रकारिता के एक सुनहरे युग का अंत हो गया। मुख्यमंत्री ने उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की है और दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है । ज्ञात हो कि पण्डित श्यामलाल चतुर्वेदी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस वर्ष 3 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन नईदिल्ली में आयोजित समारोह में पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित किया था ।

बिलासपुर के श्यामलाल चतुर्वेदी को साहित्य, शिक्षा व पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया था । 1940-41 से लेखन की शुरूआत हिन्दी में की, लेकिन ‘विप्र’ जी की प्रेरणा से छत्तीसगढ़ी में लेखन शुरू किया। चतुर्वेदी शिक्षक भी थे। उनकी कहानी संग्रह ‘भोलवा भोलाराम’ भी प्रकाशित हुआ। वे छत्तीसगढ़ी के गीतकार भी थे। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में ‘बेटी के बिदा’ और ‘पर्रा भर लाई’ शामिल है।