रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा जनसामान्य को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से भूमि के बाजार मूल्य (गाइडलाइन दर) में 30 प्रतिशत की कमी और पंजीयन शुल्क में रियायत और छोटे भूखण्डों के क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को हटाने के चलते राज्य भूखण्डों एवं मकानों के पंजीयन में तेजी आयी है।
रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार योजना को इसके चलते अच्छा प्रतिसाद मिलने लगा है। बीते 12 फरवरी को निविदा के जरिए 118 भूखण्डों की बिक्री से रायपुर विकास प्राधिकरण को 52 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हुई है, जो अपने आप में भूखण्डों की बिक्री का रिकार्ड है। कमल विहार योजना के कुल 118 भूखण्ड बिके जिसमें 108 भूखण्ड व्यावसायिक, 9 आवासीय, एक भूखण्ड सार्वजनिक/अर्द्धसार्वजनिक उपयोग के भूखण्ड शामिल है। कमल विहार योजना में एक साथ इतने भूखण्डों की बिक्री और इससे प्राप्त होने वाली 52 करोड़ रूपए की राशि अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
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गौरतलब है कि व्यावसायिक प्रयोजन, मिश्रित, सार्वजनिक एवं अर्द्धसार्वजनिक प्रयोजन के भूखण्डों की वर्ष 2018-19 में बिक्री से एक करोड़ 84 लाख तथा वर्ष 2019-20 में 5 करोड़ 70 लाख रूपए की आय हुई थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में कमल विहार योजना के भूखण्डों की बिक्री के लिए दी गई रियायत एवं निविदा आमंत्रण को अच्छा प्रतिसाद मिला है।
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यही वजह है कि निविदा के माध्यम से एक दिन में ही विभिन्न प्रयोजनों के लिए कुल 118 भूखण्ड बिके, जिससे प्राधिकरण को 52 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हुई है। एक दिन में 52 करोड़ रूपए की इस अभूतपूर्व बिक्री के लिए प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़ जी के द्वारा व्यावसायिक भूखण्डों के समस्त क्रेताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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