SECL प्रबंधन की मनमानी, 14 साल पहले गायब श्रमिक के आश्रितों को आज तक नहीं मिली नौकरी, कोर्ट ने घोषित किया था मृत

SECL प्रबंधन की मनमानी, 14 साल पहले गायब श्रमिक के आश्रितों को आज तक नहीं मिली नौकरी, कोर्ट ने घोषित किया था मृत

SECL प्रबंधन की मनमानी, 14 साल पहले गायब श्रमिक के आश्रितों को आज तक नहीं मिली नौकरी, कोर्ट ने घोषित किया था मृत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:46 pm IST
Published Date: June 29, 2020 4:29 pm IST

कोरिया। चौदह साल पहले 29 सितंबर 2006 को एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र के चिरमिरी ओपनकास्ट माइंस में काम करने गये श्रमिक हीरालाल का आज तक कोई पता नहीं चल सका है। परिजनों ने काफी खोजबीन की पर कुछ भी पता नहीं चला। एसईसीएल प्रबंधन से लेकर चिरमिरी थाने तक लापता होने की जानकारी दी गई पर हीरालाल कहां गया? यह न पुलिस पता लगा सकी और न ही प्रबंधन।

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प्रावधान के तहत 7 साल तक लापता व्यक्ति के न मिलने पर 2014 में न्यायालय ने हीरालाल को मृत घोषित कर दिया है जिसके बाद छतीसगढ़ शासन ने मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी किया । आश्चर्य की बात तो यह कि एसईसीएल प्रबंधन ने अपने श्रमिक हीरालाल का पता चले बिना उसे 8 फरवरी 2012 को कम्पनी की सेवा से हटा दिया । लेकिन आश्रित रोजगार के तहत हीरालाल के किसी भी आश्रित को नौकरी नहीं दी।

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28 अठाइस नवंबर 2014 को न्यायालय से मृत घोषित होने के बाद भी प्रावधान के तहत एसईसीएल प्रबन्धन आश्रित को नौकरी नहीं दे रहा है जिससे परिजन परेशान हैं। मृतक हीरालाल की पत्नी धोवेन कुँवर और उसकी बेटी निर्मला कुमारी हर महीने एसईसीएल के कार्यालय जाकर अधिकारियों के चक्कर लगा रही है पर नौकरी दिए जाने को लेकर केवल आश्वासन ही मिलता रहा। परिजन आज भी इस उम्मीद में है कि परिवार चलाने वाले हीरालाल के न रहने पर उनके आश्रित को नौकरी जरूर मिलेगी जिससे परिवार की खराब हो चली माली हालत सुधरेगी।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com