मुंबई, 25 जून (भाषा) मुंबई में कई जगहों पर फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर चलाने वाले गिरोह की जांच के लिए पुलिस ने एक विशेष जांच दल का गठन किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि इन शिविरों में कोविड-19 रोधी टीके के नाम पर ‘सेलाइन वाटर’ का इंजेक्शन दिया जा रहा था। उन्होंने कहा कि एक कार और टीकाकरण शुल्क के नाम पर लोगों से वसूले गए कुल 12.40 लाख रुपये बरामद किए गए थे।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटिल ने कहा, “प्रथम दृष्टया, जांच में पता चला कि आरोपियों ने सेलाइन वाटर का इंजेक्शन दिया था। कुछ लोगों ने शिकायत की थी कि शिविर में प्रयोग की जाने वाली शीशियों की सील टूटी हुई थी। आरोपियों ने इन शिविरों में लोगों को जिस खतरे में डाला उसके मद्देनजर भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं समेत, धारा 308 में मामला दर्ज किया गया है।”
पाटिल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुंबई में 25 मई और छह जून के बीच ऐसे नौ शिविर आयोजित किए गए थे और इसके संबंध में विभिन्न पुलिस थानों में सात मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को 24 अप्रैल को आयोजित हुए एक शिविर के बारे में जानकारी मिली थी जो 500 लोगों के लिए था।
उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल से लेकर ऐसे सभी टीकाकरण शिविरों की जांच की जाएगी जहां टीका लगवाने वाले लोगों को प्रमाण पत्र नहीं दिए गए।
भाषा यश पवनेश
पवनेश
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