मुख्यमंत्री के निर्देश पर किसानों लिए राज्य स्तरीय हेल्प लाइन नम्बर 1967 और 1800-233-3663 शुरू, ‘धनहा’ एप से भी ले सकेंगे जानकारी

मुख्यमंत्री के निर्देश पर किसानों लिए राज्य स्तरीय हेल्प लाइन नम्बर 1967 और 1800-233-3663 शुरू, 'धनहा' एप से भी ले सकेंगे जानकारी

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 PM IST
,
Published Date: January 3, 2020 5:13 pm IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर खरीफ वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के संबंध में पंजीकृत किसानों की शिकायत, सुझाव एवं पूछताछ के लिए राज्य स्तरीय किसान हेल्पलाइन नम्बर शुरू कर दिया गया है। प्रदेश के पंजीकृत किसान हेल्पलाइन नम्बर 1967 तथा 1800-233-3663 पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें: भारतीय ओलंपिक संघ ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को भेजा नोटिस, छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ की नई कमेटी ग…

वहीं प्रदेश के जिन जिलों में पुलिस हेल्पलाइन नम्बर 112 संचालित है वहां के किसानों को 112 नंबर पर भी जानकारी लेने, शिकायत करने अथवा सुझाव देने की सुविधा दी गई है। ये सभी हेल्पलाइन नम्बर सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक संचालित होंगे। पंजीकृत किसान अपना पंजीयन बताकर अपनी शिकायत इन नंबरों पर दर्ज करा सकेंगे। हेल्पलाइन शुरू करने के संबंध में यहां मंत्रालय महानदी भवन से खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह द्वारा आदेश जारी कर दी गई है।

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में नहीं हुई आयुष्मान कार्ड बनाने में गड़बड़ी, स्वास्थ्य वि…

राज्य स्तरीय किसान हेल्पलाइन नम्बर पर पंजीकृत किसान धान उपार्जन केन्द्र से संबंधित जानकारी ले सकता है और अपनी शिकायत एवं सुझाव भी दर्ज करा सकता है। हेल्पलाइन के अलावा किसान अपनी शिकायत एवं सुझाव जनभागीदारी वेबसाइट http://khadya.cg.nic.in/citizen/citizenhome.aspx पर आनलाइन दर्ज करा सकते हैं।

ये भी पढ़ें: नगरपालिका में सत्ता हथियाने कांग्रेस की ​कवायद शुरू, राजस्व मंत्री …

इसके अलावा किसानों को धान खरीदी संबंधी जानकारी जैसे खरीदी केन्द्र में धान बेचने, टोकन, भुगतान आदि की जानकारी प्राप्त करने के लिए विभाग द्वारा ‘धनहा’ एप भी प्रारंभ किया गया है। एन्ड्रायड मोबाईल धारी किसान ‘धनहा’ एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। खाद्य सचिव ने राज्य स्तरीय किसान हेल्पलाइन नम्बर की जानकारी सभी धान खरीदी केन्द्रों में प्रदर्शित करने के साथ ही किसानों को भी इसकी जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।