The Delta Plus variant : मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला केस, 65 वर्षीय महिला में मिला वेरिएंट.. जानिए इस वेरिएंट के बारे में सबकुछ

The Delta Plus variant : मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला केस, 65 वर्षीय महिला में मिला वेरिएंट.. जानिए इस वेरिएंट के बारे में सबकुछ

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  • Publish Date - June 17, 2021 / 03:32 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

The Delta Plus variant

भोपाल, मध्यप्रदेश। राज्य में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है। राजधानी के बड़खेड़ा पठानी निवासी 65 वर्षीय महिला में वैरिएंट मिला है। देश में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुल 6 मामले सामने आ चुके हैं। 

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भारत और दुनिया में डेल्टा प्लस के केस
यूके सरकार की एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) के अनुसार, ग्लोबल साइंस इनिशिएटिव GISAID ने अब तक नए K417N म्यूटेशन के साथ डेल्टा (B।1।617।2) के 63 जीनोम की पहचान की गई है।कोविड -19 वेरिएंट पर अपनी 11 जून की रिपोर्ट में भारत ने 7 जून तक डेल्टा प्लस के छह मामले दर्ज किए हैं। (Delta Plus variant)

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जानिए डेल्टा प्लस वेरिएंट क्या होता है।। 

डेल्टा प्लस वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट में म्यूटेशन के कारण बना है। GISAID ने अब तक नए K417N म्यूटेशन के साथ डेल्टा (B।1।617।2) के 63 जीनोम की पहचान की है। भारत ने 7 जून तक डेल्टा प्लस के छह मामले दर्ज किए थे। इस वेरिएंट के कनाडा, जर्मनी और रूस से एक-एक, पुर्तगाल से 12, जापान से 13 और अमेरिका से 14 मामले सामने आए हैं।

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नई दिल्ली: भारत में पहली बार पहचाने गए कोविड -19 के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट (B।1।617।2) के AY।1 या डेल्टा प्लस वेरिएंट में म्युटेंट होने की आशंका है। जो संभवतः मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल का रेजिस्टेंस करने में भी सक्षम है। इस दवा का इस्तेमाल हाल ही में शुरू किया गया है।

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गंभीरता के संकेत नहीं

 नया डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा या बी।1।617।2 वेरिएंट में म्यूटेशन के कारण बना है।
 नए वेरिएंट के कारण बीमारी की गंभीरता का अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है।
 डेल्टा प्लस (AY।1) मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल के लिए प्रतिरोधी है।
 कम इंसिडेंस के कारण यह अभी तक यह भारत में वेरिएंट ऑफ (VoC) नहीं है।
 म्यूटेशन SARS-COV-2 के स्पाइक प्रोटीन में होता है, जो वायरस को मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमित करने में मदद करता है।
 GISAID द्वारा अब तक नए K417N म्यूटेशन के साथ डेल्टा (B।1।617।2) के 63 जीनोम की पहचान की गई है।
 पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के अनुसार 7 जून तक भारत के छह जीनोम में डेल्टा प्लस मौजूद था।
 भारत में इस समय K417N के लिए वैरिएंट फ़्रीक्वेंसी बहुत अधिक नहीं है। सीक्वेंस ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका के हैं।
 इस जीनोम का सबसे पहला सीक्वेंस इस साल मार्च के अंत में यूरोप में पाया गया था।

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डेल्टा प्लस एंटीबॉडी कॉकटेल के लिए प्रतिरोधी
दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के कम्प्यूटेशनल बायोलॉजिस्ट विनोद स्कारिया के मुताबिक, K417N के बारे में विचार करने के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कोकटेल के प्रतिरोध सजेस्ट करने वाला एविडेंस है। इस कॉकटेल को हाल ही में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से देश में आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिली है। दवा की बड़ी कंपनी रोश इंडिया और सिप्लास ने एंटीबॉडी कॉकटेल की कीमत 59,750 रुपये प्रति डोज रखी है।

दुनिया भर में डेल्टा प्लस के मामलों में कनाडा, जर्मनी और रूस से एक-एक, नेपाल से दो, स्विट्जरलैंड से चार, पोलैंड से नौ, पुर्तगाल से 12, जापान से 13 और अमेरिका से 14 मामले शामिल हैं। पीएचई की रिपोर्ट में कहा गया है कि Delta-AY।1 वेरिएंट डेल्टा में वेरिएंट रूटीन स्कैनिंग के जरिए सामने आया गया था।

Delta Plus Variant