नाम के फेर ने डॉ सुरेंद्र दुबे को मौत के घाट ही उतार दिया ?

नाम के फेर ने डॉ सुरेंद्र दुबे को मौत के घाट ही उतार दिया ?

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  • Publish Date - January 3, 2018 / 01:42 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:58 PM IST

इन दिनों सोशल मीडिया में किसी भी खबर को बिना  पुख्ता सबूत के आगे फारवर्ड करने का फैशन सा हो गया है।शायद ये इंसान की आगे बढ़ने की ही होड़ ही है जो कभी कभी ज़िंदा इंसान को मार देती है तो कभी माँ की गोद में बैठे बच्चे को भी गुमशुदा करार देती है। छत्तीसगढ़ में नए साल का जश्न अभी ख़त्म भी नहीं हुआ था कि जाने माने हास्य कवि पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे की मौत की खबर तेजी से वायरल होने लगी।

चुकि श्री दुबे देश के ख्याति प्राप्त कवियों में गिने जाते है इसलिए उनकी मौत की खबर से सभी स्तबध थे। लेकिन जब हमने इस वायरल खबर का सच पता किया तो परिणाम ये निकला कि राजस्थान के अलवर जिले के हास्य कवि सुरेंद्र दुबे की मौत की खबर पर वसुंधरा राजे सिंधिया ने शोक प्रगट किया था जिसे पढ़ कर किसी ने ये बात आगे बढ़ा दी कि छत्तीसगढ़ के कवि सुरेंद्र दुबे की मृत्यु हो गयी है। 

इस बारे में जब हमने छत्तीसगढ़ के हास्य कवि सुरेंद्र दुबे से बात करने के लिए कॉल लगाया तो उधर से आवाज आई टाइगर अभी ज़िंदा है और उसके बाद जोर का ठहाका। उन्होंने बताया कि कई लोगो को तो उन्हें अपना ज़िंदा होने का साबुत कसम खा कर देना पड़ा. दो दिन के अंदर न वो किसी को नए साल की बधाई दे पाए और न चैन से खाना सिर्फ लोग उनके परिवार को ढाढस बांधने के लिए ही फोन कर रहे हैं। जिसके पीछे की वजह भी उन्होंने बताई कि काफी थकान और नींद पूरी न होने के कारण उन्होंने अपना फोन बंद रखा था। जैसे ही सुरेंद्र दुबे लोगो ने पढ़ा तो उन्होंने बंद फोन कवि सुरेन्द्र दुबे मुख्यमंत्री की ट्वीट सब को मिला कर मेरी मौत की खबर फैला दी।