हाईकोर्ट का निर्देश, पागल कुत्ते के काटने से मौत होने पर राज्य सरकार देगी दस लाख रूपए

हाईकोर्ट का निर्देश, पागल कुत्ते के काटने से मौत होने पर राज्य सरकार देगी दस लाख रूपए

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  • Publish Date - February 13, 2019 / 08:22 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:47 PM IST

बिलासपुर। आवारा और पागल कुत्ते को नियंत्रित नहीं कर पाने और उसके काटने पर मौत हो जाने से राज्य सरकार को 10 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने होंगे। बिलासपुर हाईकोर्ट में जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच ने पीड़ित परिवार को इलाज पर हुए खर्च को छोड़कर बाकी 8 लाख 50 हजार रुपए तीन माह के भीतर देने के निर्देश दिए हैं।

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दरअसल, बालोद जिले के खुटेरी गांव में रहने वाले शोभाराम की पत्नी ओम बाई को 22 अप्रैल 2017 को आवारा कुत्ते ने काटा था। इलाज के बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और 10 जून 2017 को उनकी मौत हो गई थी। प्रशासन ने रेवन्यू बुक सर्कुलर में आवारा या पागल कुत्ते के काटने की वजह से मौत होने पर मुआवजे का प्रावधान नहीं होने की बात कही। जिसके बाद शोभाराम ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

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मामले पर जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच ने अपने आदेश में आदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत स्वच्छता, संरक्षण और उपद्रव और का रोकथाम और उन्मूलन नियम 1999 के रूल 29 के तहत पागल व आवारा कुत्ते का उन्मूलन ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी थी। जिसने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में नाकाम रही है। हाईकोर्ट ने इलाज के दौरान जमा किए गए डेढ़ लाख रुपए को छोड़कर बाकी 8 लाख 50 हजार रुपए तीन माह के भीतर देने के निर्देश दिए हैं।