रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शून्यकाल के दौरान 18 फरवरी को हुए सुकमा नक्सल अटैक का मामला उठा। प्रदेश में लगातार हो रही नक्सली वारदातों पर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा की मांग की, लेकिन स्पीकर ने ये प्रस्ताव खारिज कर दिया। भूपेश बघेल ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट के बाद भी बड़ी नक्सल वारदात पर सवाल उठाया।
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जिसका जवाब गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने जवाब दिया, कि नक्सलियों की गतिविधियों पर सरकार ने अंकुश लगाया है। साल 2016 में सुरक्षाबलों के साथ 2 सौ 11 मुठभेड़ में डेढ़ सौ नक्सली मारे गए। 135 नक्सलियों का शव भी बरामद किया गया। पैकरा के मुताबिक सरकार नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक अभियान चला रही है। 1589 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिससे सुरक्षाबलों के हौसले बुलंद है। पैकरा ने ये भी कहा, कि सुकमा में बड़े नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। घायल जवानों को उठाए जाने के दौरान 2 जवान शहीद हो गए। वहीं मुठभेड़ में 11 जवान घायल हुए थे।
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पैकरा के मुताबिक पिछले साल भेज्जी में हुई बड़ी नक्सली घटना के बाद भी इस इलाके में सड़क बनाने में कामयाबी मिली है। इधर भूपेश बघेल ने ये आरोप भी लगाया, कि गृहमंत्री घायल जवानों से मिलने अस्पताल तक नहीं गए। भूपेश ने सवाल किया, कि क्या जवान सिर्फ शहादत के लिए ही हैं?
वेब डेस्क, IBC24
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