लगातार बारिश से नदी-नाले उफनाए, छलकने लगे बांध, राजधानी रायपुर पानी-पानी
लगातार बारिश से नदी-नाले उफनाए, छलकने लगे बांध, राजधानी रायपुर पानी-पानी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विगत 3 दिन से हो रही बारिश के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। नदी-नाले उफान पर हैं तो कई जगहों का सड़क संपर्क टूट गया है। लगभग सभी बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं राजधानी रायपुर में भी स्थिति खराब है। राजधानी रायपुर से लगे सेजबहार के पास कोलार गांव में पानी का स्तर ब्रिज के ऊपर पहुंच गया है। इससे सेजबहार से कोलर जाने वाला रास्ता बंद हो गया है। वहीं ब्रिज पर एक ट्रेलर पानी में फंस गया है।
लगातार बारिश से राजधानी का हाल-बेहाल हो गया है। सड़कों पर पानी भरा हुआ है। तेलीबांधा थाने वाली सड़क पर घुटने तक पानी भरा हुआ है। सड़क पर पानी भरा होने चलते प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का रूट बदलना पड़ा। वे एयरपोर्ट से फुंडहर, देवपुरी, पचपेड़ी नाका होते हुए राजभवन पहुंची। वहीं मोतीबाग चौक से लेकर प्रेस क्लब के सामने तक सड़क पर घुटने से ऊपर तक पानी भरा हुआ है। इसी तरह समता कालोनी चौबे कालोनी की मुख्य सडकें नाले में तब्दील हो चुकी है।
यह भी पढ़ें : भारत में बायोफ्यूल से चलने वाले पहले विमान का हुआ सफल परीक्षण
इसके अलावा कटोरा तालाब स्थित विधायक विश्राम गृह में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है। कुछ विधायक और उनके परिजन विश्राम गृह में फंसे हुए है। अपार्टमेंट में पानी भरने के कारण निकल नहीं पा रहे है। श्याम टाकीज चौक में भी एक फीट से ऊपर पानी भर गया है। सुबह से हो रही बारिश की वजह से चाय-पानी, नाश्ते और सब्जियों से ठेले नहीं लग पाए हैं। खोमचे और रोजी मजदूरी करने वाले के लिए रोजीरोटी की समस्या खड़ी हो गई है।
वहीं राज्य करीब सभी बांध छलक रहे हैं। गंगरेल बांध में प्रति सेकंड 76763 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है, जबकि 100000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा सकता है। कैचमेंट एरिया से हो रही प्रति सेकंड 1 लाख 2 हजार क्यूसेक प्रति सेकेंड पानी की आवक हो रही है। पानी रुद्री बैराज होते महानदी में जा रहा है। नदी किनारे बसे गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया गया है। मौके पर बाढ़ राहत आपदा प्रबंधन की टीम और गोताखोर किये गए तैनात कर दिए गए हैं। स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट है।
यह भी पढ़ें : अहमदाबाद में चार मंजिला इमारत ढही,रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
इससे धमतरी, रायपुर, महासमुंद, बिलासपुर, जांजगीर, रायगढ़ और गरियाबंद जिले प्रभावित हो सकते हैं। इसी तरह मुरुमसिल्ली जलाशय में जलस्तर उफान पर है। जबकि 100000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाना है। वहीं सोंढूर जलाशय में भी पानी छलकने लगा है और दुधावा बांध की भी यही हालत है।
हालात को देखते हुए राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अवर सचिव ने रायपुर, गरियाबंद, महासमुंद, बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, कोरबा और रायगढ़ जिलों के कलेक्टर्स को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि गंगरेल बांध से 1 लाख क्यूसेक पानी महानदी में छोड़ा जा रहा है। ऐसे में महानदी किनारे बसे हुए गांवों में कोटवार और अन्य माध्यमों से मुनादी करवा सुरक्षित रहने के लिए चेतावनी देने कहा गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए जरूरी कार्रवाई करवाएं।
गरियाबंद से खबर आ रही है कि फुलबहारा नदी बहे एक युवक ने तैर कर अपनी जान बचाई। कुछ दूर बहने के बाद युवक सुरक्षित बाहर निकल गया। युवक नदी पार करने के चक्कर में फंसी मोटरसाइकिल को निकालने के प्रयास के दौरान बह गया था। जबकि दूसरा युवक बाल-बाल बच गया। इसी तरह रसेला-दादर गांव के बीच भी नदी उफान पर है। यहां बाइक सवार दो व्यक्ति बहते बहते बच गए।
वेब डेस्क, IBC24

Facebook



