राफेल घोटाले पर गुलाम नबी के बोल, कहा-आजादी के बाद रक्षा सौदे में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार | Watch Video:

राफेल घोटाले पर गुलाम नबी के बोल, कहा-आजादी के बाद रक्षा सौदे में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार

राफेल घोटाले पर गुलाम नबी के बोल, कहा-आजादी के बाद रक्षा सौदे में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : September 13, 2018/10:39 am IST

रायपुर। राज्य सभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की, इस दौरान गुलाम नबी आजाद ने राफेल का मुद्दा को उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राफेल डील पर बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। राफेल के मुद्दे पर जिस प्रकार चर्चा होनी चाहिए वो नहीं हो पा रही।

पढ़ें-राहुल गांधी का जेटली पर आरोप, कहा माल्या को भगाने में वित्त मंत्री की सांठगांठ

गुलाम नबी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आजादी के बाद ये रक्षा के सौदे में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है।  गुलाम नबी ने आगे कहा कि 2015 को फ्रांस के दौरे में पीएम मोदी ने पुरानी डील को रद्द किया, और 126 राफेल की जगह  36 जहाज खरीदने का सौदा करते हैं। 90 जहाज की कटौती की गई साथ ही राफेल की कीमत 526 करोड़ की 1617 करोड़ हो गई है। मोदी सरकार एक राफेल 526 करोड़ की जगह अब 1617 करोड़ में खरीद रही है। इस सौदे में 41 हजार करोड़ ज्यादा क्यों दिया जा रहा है। आजाद ने कहा कि ये कीमत किसने तय की।

पढ़ें-गोवा की तर्ज पर विकसित हो रहा गंगरेल,14 को केंद्रीय पर्यटन मंत्री करेंगे वुडन कॉटेज का उद्घाटन 

कैबिनेट से पूछे बैगर ही डील रद्द की गई। साथ ही हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड जैसी कंपनी को बाहर कर बिना तजुर्बे वाली कंपनी को इस सौदे में शामिल क्यों किया गया। इतना ही नहीं जब प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस से लौटकर डील करके लौटे तब कैबिनेट के सदस्यों से हस्ताक्षर करवाया गया।  हमने इसकी जांच की मांग की लेकिन, प्रधानमंत्री ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। 

पढ़ें- नक्सली लीडर वेट्टी रामा करेगा सरेंडर, 23 सालों से है नक्सल संगठन में सक्रिय

गुलाम नबी ने कहा कि इस मुद्दे पर पीएम मोदी सदन में अपना मुंह नहीं खोलते। सदन में 4 साल में उन्होंने किसी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया, सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि देश के साथ इस सरकार ने धोखा किया है। उन्होंने कहा कि जब हम सत्ता में थे तब हम लोकतंत्र पर विश्वास करते थे,  देश में इमरजेंसी के प्रावधान गैरकानूनी ढंग से कायम है।

 

वेब डेस्क, IBC24

 
Flowers