छत्तीसगढ़ में महिला सुरक्षाकर्मी के लिए कौन बनाएगा टॉयलेट

छत्तीसगढ़ में महिला सुरक्षाकर्मी के लिए कौन बनाएगा टॉयलेट

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  • Publish Date - November 21, 2017 / 01:36 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:52 PM IST

देश भर में महिला सशक्तिकरण को लेकर कई योजना चलायी जा रही है। जिसमे सभी प्रदेश के नेता गण सामने आ कर महिला सम्मान और महिला सुरक्षा की बात अपने अपने शब्दों में रखते है लेकिन वास्तविकता  से ये  बात कितनी दूर है इसका साफ उदहारण है महिलाओ के लिए बनने वाले शौचालय। छत्तीसगढ़ राजधानी बनने के साथ जैसे जैसे विकास किया है यहाँ आबादी भी दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ी है ऐसे में सामान्य है की पुरुषो और महिलाओ दोनों की  संख्या बढ़ी है। जिसे ध्यान में रख कर प्रदेश में महिला पुलिस कर्मियों की  नियुक्ति भी ज्यादा की गयी। अब आप प्रदेश में चाहे शहरी इलाके में जायेंगे या ग्रामीण सभी जगह आपको चौक चौराहे पर महिला सुरक्षाकर्मी नज़र आ ही जाती है ? लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की इनके शारीरिक स्वास्थ के तरफ कौन ध्यान देता है नहीं ? 

राजधानी रायपुर में आमानाका चौक से तेलीबांधा थाने तक जाने पर एक बात गौर करने की है की इस पुरे रास्ते में कही पर भी महिलाओ के लिए कोई शौचालय नहीं है। इतने व्यस्तम रोड में जब ये महिला पुलिस अपनी 8 घंटे की सेवा देती होंगी तो ज़ाहिर सी बात है की उन्हें बाथरूम की जरुरत पड़ती ही होगी। उस समय ये क्या करती है? कैसे जाती है ?इस विषय पर हमने शहर के चौक पर तैनात महिला पुलिस कर्मी से बात की तो उन्होंने जो बात हमें बतायी वो चौकाने वाली थी उन्होंने बताया की हमें इस बात को लेकर कई बार अपने उच्च अधिकारी को आवेदन भी दे चुके है लेकिन हमारी समस्या आज भी जस की तस है।हमें जब भी पेशाब जाना होता है हम आस पास के रहवासी या दुकानदारो से निवेदन कर उनका शौचालय इस्तमाल करते है। लेकिन सबसे ज्यादा समस्या हमें संडे के दिन आती है क्योकि इतवार के दिन पूरा मार्किट बंद रहता है तो ज़ाहिर सी बात है की हम या तो सारा दिन पेशाब रोक कर नौकरी करे या फिर अगर हम अपने आस पास के किसी घर को तलाशे  और अगर इस दौरान हमारे अधिकारी अचानक आ गए तो हमे इस बात का स्पस्टीकरण भी देना होता है की हम कार्य के दौरान कहा गायब थे।

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ट्रेफिक हवालदार अपना नाम न छापने बोल कर कहती हैं की हमारे अधिकारियो को सब पता है की हम किस समस्या से जूझ रहे है पर वे ध्यान नहीं दे रहे उन्हें क्या वे तो कहीं पर भी खुले में चले जाते है।इस तरह की बात से ये तो साफ है की हमारे सरकारी अमले में बैठे लोगो को महिला स्वास्थ की कोई चिंता नहीं है। लेकिन जिस तरह से कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश सरकार को हाई कोर्ट ने महिला पुलिस कर्मचारी के लिए अलग बाथरूम बनाने का आदेश दिया है उससे ये उम्मीद लगायी जा सकती है की छत्तीसगढ़ की महिला पुलिस कर्मी को भी देर से ही सही पर कुछ लाभ मिल सकता है। 

ibc24 web team