जलगांव अस्पताल में महिला की मौत : अदालत ने महाराष्ट्र सरकार ने अनुग्रह राशि पर किया सवाल

जलगांव अस्पताल में महिला की मौत : अदालत ने महाराष्ट्र सरकार ने अनुग्रह राशि पर किया सवाल

जलगांव अस्पताल में महिला की मौत : अदालत ने महाराष्ट्र सरकार ने अनुग्रह राशि पर किया सवाल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:08 pm IST
Published Date: September 28, 2020 12:07 pm IST

मुंबई, 28 सितंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने जून में जलगांव सदर अस्पताल में हुई एक महिला की मौत के संबंध में सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा।

गौरतलब है कि 82 वर्षीय महिला जलगांव सदर अस्पताल के कोविड वार्ड से लापता हो गयी थी और आठ दिन बाद उसका शव अस्पताल के ही शौचालय से मिला था।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राज्य मृतक के परिवार को अनुग्रह राशि दे।

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अदालत ने सरकार से जानना चाहा कि क्या इस मामले में शव का पोस्टमॉर्टम हुआ था और उससे इसकी रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

पीठ भाजपा नेता आशीष शेलार की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। शेलार ने अर्जी में अनुरोध किया है कि कोविड-19 से मरने वालों के शवों के अंतिम संस्कार में अस्पताल प्रशासन राज्य और केन्द्र के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

अदालत के एक पुराने आदेश का पालन करते हुए शेलार ने राज्य में हुई तमाम लापरवाहियों को एक हलफनामे के रूप में पीठ के समक्ष पेश किया।

उसी हलफनामे पर गौर करते हुए पीठ को जलगांव की घटना का पता चला।

पीठ ने सवाल किया, ‘‘यह घटना हमारे संज्ञान में आयी है और हम इससे स्तब्ध हैं। इस महिला का शव शौचालय में मिलने से पहले यह आठ दिन तक लापता थी। क्या यह चिंताजनक नहीं है?’’

पीठ ने पूछा, ‘‘क्या पोस्टमॉर्टम हुआ था। क्योंकि अगर उसकी मौत दो (जून) को नहीं हुई है, और यह 10 (जून) को हुई है, जिस दिन उसका शव मिला, इसका मतलब है कि वह आठ दिन तक बिना भोजन-पानी के रही। यह अमानवीय है।’’

महिला दो जून को अपने वार्ड से लापता हो गयी थी। उसके परिवार ने गुमशुदगी दर्ज करायी थी।

आठ दिन बाद जब किसी ने शौचालय से बदबू आने की शिकायत की तो महिला का शव मिला।

राज्य सरकार ने पीठ को बताया कि यह छिटपुट घटना है और मामले की जांच की जा रही है। अस्पताल प्रशासन को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

इसपर पीठ ने कहा कि संभवत: यह छिटपुट घटना है लेकिन सरकार को सिर्फ नोटिस भेजने से ज्यादा कुछ करना होगा।

अदालत ने राज्य सरकार से पांच अक्टूबर तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंपने और जवाब देने को कहा है।

भाषा अर्पणा शाहिद

शाहिद


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