उप्र में हर जिले में बनेगी एक आदर्श गोशाला

उप्र में हर जिले में बनेगी एक आदर्श गोशाला

उप्र में हर जिले में बनेगी एक आदर्श गोशाला
Modified Date: October 14, 2025 / 12:34 pm IST
Published Date: October 14, 2025 12:34 pm IST

लखनऊ, 14 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की सभी गोशालाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक जिले में एक आदर्श गोशाला स्थापित की जाएगी, जिसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

इसके तहत ‘काऊ टूरिज्म’ की संभावनाओं का भी पता लगाया जाएगा, ताकि गोशालाएं न केवल आत्मनिर्भर बन सकें, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और आय का स्रोत भी मिल सके।

एक सरकारी बयान के अनुसार, सरकार की मंशा है कि गाय से प्राप्त पदार्थों—जैसे गोबर, गोमूत्र, दूध, घी और मूत्रजनित उत्पादों के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा दिया जाए, ताकि राज्य की गोशालाएं आत्मनिर्भर हो सकें। इस दिशा में महिला स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा जाएगा, ताकि स्थानीय स्तर पर गोबर से बने उत्पादों का उत्पादन और विपणन किया जा सके।

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सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि दीपावली के पर्व पर गाय के गोबर से बने दीपों, मूर्तियों और अन्य उत्पादों का उपयोग बढ़ाया जाए। इन उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई गई है।

पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह के अनुसार, दीपावली के अवसर पर गोबर से बने दीप, मूर्तियां और सजावटी सामग्री के उपयोग को लेकर बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन उत्पादों की उपलब्धता बाजारों में सुनिश्चित की जाएगी, ताकि आम नागरिक भी इनका उपयोग कर ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा दे सकें।

प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास, मुकेश मेश्राम के अनुसार, अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि गोशालाओं में गोबर और गोमूत्र के व्यावसायिक उपयोग के लिए स्थानीय स्तर पर योजनाएं तैयार की जाएं। उनके अनुसार, गोशालाओं की आत्मनिर्भरता के साथ-साथ यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी।

भाषा जफर मनीषा

मनीषा


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